मोटापा बना राष्ट्रीय चिंता का विषय, हिमाचल में 14% लोग वजन से परेशान
Health: हिमाचल प्रदेश में तेजी से बदलती जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खान-पान के चलते मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनकर उभरा है. गलत दिनचर्या और शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण प्रदेश में न केवल मोटापा बढ़ रहा है, बल्कि इससे जुड़ी बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है.
Himachal Pradesh News: देश में तेजी से बढ़ती मोटापे की समस्या ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है. आंकड़ों के अनुसार, भारत में 5.4% आबादी, यानी लगभग 7 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हैं. हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति गंभीर है, जहां 14% लोग मोटापा या अधिक वजन की समस्या से जूझ रहे हैं. इस बढ़ते खतरे को देखते हुए शिमला में शनिवार को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) और ओबेसिटी सर्जरी सोसायटी ऑफ इंडिया (OSSI) के संयुक्त प्रयास से एक जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
हिमाचल में मोटापा - आंकड़ों की जुबानी
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 3% लोग मोटापे का शिकार हैं, जबकि 14% ओवरवेट या मोटापे से प्रभावित हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि खराब दिनचर्या, अस्वस्थ खान-पान और शारीरिक गतिविधियों की कमी इस समस्या के मुख्य कारण हैं. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में यह समस्या और भी ज्यादा गंभीर है.
सामान्य BMI और मोटापे का प्रभाव
वहीं सामान्य वयस्कों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 18.5 से 24.9 के बीच होता है। 25.0 से 29.9 के बीच BMI को ओवरवेट माना जाता है, जबकि 30.0 और उससे अधिक BMI मोटापे की श्रेणी में आता है. मोटापा न केवल डायबिटीज बल्कि दिल की बीमारियों, जोड़ों की समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य खतरों को भी बढ़ावा देता है.
सर्जरी नहीं, जीवनशैली में बदलाव है समाधान
इसके अलावा आपको बता दें कि मैक्स हॉस्पिटल के रोबोटिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक बिंदल ने बताया कि सर्जरी मोटापे का एक विकल्प हो सकता है, लेकिन प्राथमिकता जीवनशैली में बदलाव और चिकित्सा उपचार को दी जानी चाहिए. एंडोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी के आधुनिक विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन नियमित व्यायाम और स्वस्थ आदतें दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती हैं.
300 मिनट व्यायाम और स्क्रीन टाइम में कमी है जरूरी
बता दें कि IGMC के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. पुनीत महाजन ने सुझाव दिया कि स्वस्थ जीवन के लिए हफ्ते में कम से कम 300 मिनट व्यायाम करना जरूरी है. उन्होंने यह भी बताया कि स्क्रीन टाइम बढ़ने से फिजिकल एक्टिविटी कम हो रही है, जो मोटापे के बढ़ने का एक बड़ा कारण है.
समाज की भूमिका
बहरहाल, मोटापे को रोकने के लिए सामुदायिक जागरूकता और व्यक्तिगत प्रयास दोनों जरूरी हैं. शिमला में शुरू किए गए इस आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और मोटापा कम करने के प्रभावी तरीकों के बारे में शिक्षित करना है.