प्रेमी जोड़ों को क्यों कहा जाता है 'हंसों का जोड़ा'? वजह कर देगी आपको हैरान

Viral Story: प्रेमियों को 'हंसों का जोड़ा' कहने का कारण यह है कि हंस उनकी आजीवन वफ़ादारी और गहरे प्यार का प्रतीक है. यह तुलना सच्चे प्यार, समर्पण और एकता को दर्शाने के लिए की जाती है. वहीं बॉलीवुड ने भी 'दो हंसों का जोड़ा' कहावत को काफी लोकप्रिय बनाया है.

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma

Swans Love Symbol: प्यार में डूबे कपल को अक्सर 'दो हंसों का जोड़ा' कहा जाता है. यह कहावत गहराई से न केवल हमारी लोक कहानियों और साहित्य में बल्कि वैज्ञानिक तथ्यों में भी जड़ें जमाए हुए है. हंसों को प्यार, वफादारी और एकता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन यह कहावत कैसे अस्तित्व में आई और क्यों इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है, आइए विस्तार से समझते हैं.

प्रेम का प्रतीक क्यों हैं हंस?

आपको बता दें कि हंस एक ऐसा पक्षी है जो अपने जीवनसाथी के साथ जीवनभर रहता है. वे एक बार जीवनसाथी चुनते हैं और फिर उससे अलग होना लगभग नामुमकिन होता है. वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, हंसों के जोड़े सामान्य परिस्थितियों में 94 प्रतिशत तक एकसाथ रहते हैं. उनका यह गहरा और समर्पित रिश्ता इंसानों के बीच भी प्रेम और वफादारी का प्रतीक बन गया है.

हंसों का जीवन

वहीं आपको बता दें कि हंस न केवल अपने साथी के प्रति वफादार होते हैं, बल्कि वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ भी गहरा रिश्ता रखते हैं. उड़ते समय, वे एक 'वी' आकार बनाते हैं, जिससे उनके समूह की ताकत और एकता झलकती है. इस टीम में सबसे आगे उड़ने वाला हंस जब थक जाता है, तो दूसरा उसकी जगह ले लेता है. यह टीम वर्क और एक-दूसरे का सहारा बनने की शानदार मिसाल है.

हंसों के रंग में काले और सफेद का मेल

इसके साथ ही आपको बताते चले कि हंस सफेद रंग के होते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले काले हंस इनकी विविधता को दर्शाते हैं. प्रेम और वफादारी का प्रतीक होने के साथ-साथ ये पक्षी बेहद भावुक भी होते हैं. किसी खतरे से अपने साथी या अंडों की रक्षा के लिए वे साहस के साथ लड़ते हैं.

लोक कथाओं से प्रेरित है यह कहावत

वहीं हंसों के जोड़े को लेकर ये भी कहा जाता है कि लोक कथाओं में हंसों का प्रेम अक्सर एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. एक कहानी के अनुसार, एक गांव में रहने वाली लड़की हमेशा हंसों की जोड़ी को आसमान में देखकर प्रेरित होती थी. उसे वे साथ रहने और उड़ने का प्रतीक लगते थे. जब उसने अपने जीवन में ऐसा साथी पाया, तो गांव वालों ने उनकी तुलना हंसों से की.

इस जोड़ी को मशहूर बनाने में बॉलीवुड का अहम योगदान

बता दें कि बॉलीवुड ने भी 'दो हंसों का जोड़ा' कहावत को काफी लोकप्रिय बनाया है. कई गानों और फिल्मों में इस मुहावरे का उपयोग किया गया है, जिससे यह प्यार करने वालों की पहचान बन गया है.

भावनाओं और स्मृति का जादूगर हंस

हंसों की याददाश्त बेहद मजबूत होती है. वे सालों तक अपनी यादों को संजोकर रखते हैं. यही नहीं, हंस अपने दोस्तों और साथियों से गहरा रिश्ता बनाते हैं. यह बात उन्हें प्रेम और वफादारी का पर्याय बनाती है.

प्यार का संदेश लिए हंस

इसके अलावा आपको बता दें कि हंसों का जीवन हमें सिखाता है कि सच्चा प्यार केवल साथ रहने का नाम नहीं, बल्कि एक-दूसरे का सहारा बनने और समर्पण के साथ रिश्ते निभाने का संदेश देता है. शायद इसी कारण से, दो प्रेमी दिलों की तुलना ‘दो हंसों के जोड़े’ से की जाती है. यह कहावत न केवल प्रेम का प्रतीक है, बल्कि इसे निभाने की प्रेरणा भी देती है.

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06 December 2024, 02:28 PM IST

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