Health: रात को देर तक जागना बन सकती है मौत की वजह, नई स्टडी में हुआ खुलासा
Health: आज कल की लाइफस्टाइल में देर रात तक जागना बहुत ही आम हो गया है. इसकी सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है, उसके साथ ही ऑफिस काम हो या पढ़ाई हो, लोग कई वजह से देर रात तक जागने लगे हैं. देर रात तक जानने को लेकर नई स्टडी में एक चौकाने वाली बात सामने आई है.
हाइलाइट
- रात में देर तक जागना ले जा सकता है मौत के क़रीब.
Study: आज कल की लाइफस्टाइल में देर रात तक जागना बहुत ही आम हो गया है. इसकी सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है, उसके साथ ही ऑफिस का काम हो या पढ़ाई हो, लोग कई वजह से देर रात तक जागने लगे हैं. देर रात तक जानने को लेकर नई स्टडी में एक चौकाने वाली बात सामने आई है. स्टडी में हुए खुलासे में कहा गया कि देर तक जागना मौत का कारण बन सकता है.
मौत का कारण बन सकता है देर रात तक जागना
देर रात तक जागना हमारी जीवनशैली का हिस्सा बन गया है. जिसकी वजह से सेहत पर बहुत ही नकारात्मक असर पड़ता है. इससे स्वस्थ्य सम्बन्धी कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं. इसी को लेकर एक स्टडी सामने आई है, जिसमे बताया गया है कि कैसे देर रात तक जागना हमें मौत की तरफ़ ले जाता है.
23,000 लोगों पर की रिसर्च
फिनलैंड के फिनिश इंस्टीट्यूट ऑफ ऑक्यूपेशनल हेल्थ में हुई स्टडी ‘क्रोनोबायोलॉजी इंटरनेशनल में प्रकाशित की गई है. इस रिसर्च में जो बात सामने आई वो ये थी कि देर रात तक जागने से शरीर में कई बीमारियां हो सकती है, जिससे कम उम्र में ही मौत का खतरा बढ़ जाता है. साल 1980 से लेकर 2022 तक चली इस स्टडी में करीब 23,000 लोगों को शामिल किया गया था.
किन लोगों को है कम खतरा
स्टडी में 23,000 शामिल थे, जिसमे स्टडी के दौरान इन में से 8,728 लोगों की मौत हो गई थी. जब इन मौत के डेटा की जांच, की तो उसमे चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. रिसर्च में पता चला कि जो लोग सुबह जल्दी उठते हैं, उनके मुकाबले रात में जागने वाले लोगों के मरने की संभावना 9 फीसदी ज्यादा है. साथ ही स्टडी में यह भी सामने आई कि ऐसे लोग जो रात में देर तक जागते हैं और कोई नशा नहीं करते, उनपर जल्दी मरने का खतरा नहीं था.
किन लोगों को है ज्यादा खतरा
वहीं दूसरी तरफ़ रात में देर तक जागने और नशा करने से कम उम्र में मौत का ख़तरा काफी बढ़ जाता है. स्टडी के मुताबिक, जो लोग देर रात तक जागते हैं उनमे शराब और स्मोकिंग जैसी आदतें बढ़ जाती हैं. जो शरीर और सेहत के लिए हानिकारक साबित होता है. इससे कम उम्र में ही मौत का खतरा बढ़ जाता है.