कहीं टाइट अंडरवियर पहनने से टूट न जाए आपका बाप बनने का सपना! जानें फर्टिलिटी पर कैसे असर करती है लाइफस्टाइल चॉइस
Male Fertility: फर्टिलिटी की समस्या महिलाओं के साथ साथ पुरुषों के लिए भी यह अहम है. टाइट अंडरवियर, शराब-तंबाकू का सेवन और लैपटॉप का लंबे समय तक उपयोग पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है. बेहतर फर्टिलिटी के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और सही आदतें रखना जरूरी है.
Male Fertility: फर्टिलिटी की समस्याएं केवल महिलाओं तक सीमित नहीं हैं. पुरुषों के लिए भी यह उतना ही महत्वपूर्ण मुद्दा है. अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं या फर्टाइल एज में हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी लाइफस्टाइल चॉइस और स्वास्थ्य आदतें आपकी प्रजनन क्षमता को किस तरह प्रभावित कर सकती हैं.
डॉक्टरों के अनुसार, टाइट अंडरवियर पहनने जैसी आदतें, अत्यधिक शराब या तंबाकू का सेवन, और यहां तक कि लंबे समय तक लैपटॉप का उपयोग भी पुरुषों की फर्टिलिटी पर नकारात्मक असर डाल सकता है. आइए, जानते हैं कि आपकी फर्टिलिटी को बेहतर बनाए रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
टाइट अंडरवियर और फर्टिलिटी का कनेक्शन?
टाइट अंडरवियर पहनने से अंडकोष शरीर के बहुत करीब रहते हैं, जिससे उनका तापमान बढ़ सकता है. चूंकि अंडकोष थोड़े कम तापमान पर बेहतर काम करते हैं, यह स्थिति शुक्राणु उत्पादन और उनकी गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, बेहतर शुक्राणु स्वास्थ्य के लिए बॉक्सर्स जैसे ढीले-ढाले अंडरवियर पहनना फायदेमंद होता है. हालांकि, अधिकांश पुरुषों के लिए टाइट अंडरवियर का प्रभाव बहुत अधिक नहीं होता.
अत्यधिक शराब और तंबाकू का सेवन
विशेषज्ञों के मुताबिक, अत्यधिक शराब का सेवन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन में गिरावट आती है. इसके अलावा, तंबाकू उत्पादों का सेवन भी शुक्राणु डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है. लंबे समय तक इनका सेवन करने वाले पुरुषों में न केवल फर्टिलिटी की समस्या बल्कि स्तंभन संबंधित कठिनाइयां भी देखने को मिलती हैं.
जांघों पर लैपटॉप का इस्तेमाल
इसी तरह, लैपटॉप का लंबे समय तक जांघों पर उपयोग करना अंडकोष का तापमान बढ़ा सकता है. उच्च तापमान शुक्राणु उत्पादन को नुकसान पहुंचा सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि रेडियोफ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (RF-EMR) से भी शुक्राणु स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है.
प्रजनन स्वास्थ्य पर जागरूकता जरूरी
पिछले कुछ दशकों में हुए शोध बताते हैं कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता में गिरावट आई है. ऑक्सफोर्ड जर्नल के एक अध्ययन के अनुसार, 1973 से 2011 के बीच शुक्राणुओं की संख्या में 50-60% की कमी आई है. भारत भी इस वैश्विक समस्या से अछूता नहीं है.
कैसे रखें ध्यान?
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संतुलित आहार: प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर डाइट लें.
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व्यायाम: नियमित व्यायाम से प्रजनन क्षमता बेहतर होती है.
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तनाव प्रबंधन: तनाव से बचें क्योंकि यह हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है.
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नियमित स्वास्थ्य जांच: फर्टिलिटी से संबंधित किसी भी समस्या को समय रहते पहचानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.