Botox Skin Treatment: आजकल लोगों को कम उम्र में ही झुर्रियां, फाइन लाइंस की समस्याएं परेशान करने लगती हैं. इनसे चेहरा छोटी सी उम्र में ही बूढ़ा दिखने लगता है. अधिक महिलाएं स्किन की इन समस्याओं से ग्रस्त हैं. हालांकि, कई तरह के घरेलू उपायों को रेगुलर अपनाया जाए तो स्किन हेल्दी रह सकती है. अब स्किन ट्रीटमेंट में भी कई नई-नई ट्रीटमेंट शामिल हो गई हैं, जिसे कराने के बाद त्वचा यंग, हेल्दी और रिंकल फ्री नजर आ सकता है.
इन्हीं में शामिल है बोटॉक्स क्या है, इसके जरिए त्वचा की किन समस्याओं को दूर किया जाता है और इसके फायदे-नुकसान, खर्च क्या आता है, जानिए यहां विस्तार से. इसको कराने से आपके चेहरे पर दिख रही झूर्रियों से आपको राहत मिलेगी. इसके साथ ही चेहरा भी चमकदार दिखेगा.
बोटॉक्स, जिसे बोटुलिनम टॉक्सिन के नाम से जाना जाता है, एक चिकित्सीय उत्पाद है जो मुख्यतः त्वचा की झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है. ये एक न्यूरोटॉक्सिन है, जिसका उपयोग मांसपेशियों के संकुचन को अस्थायी रूप से रोकने के लिए किया जाता है. बोटॉक्स का मुख्य उपयोग कॉस्मेटिक उपचारों में होता है. इसे चिकित्सा में भी प्रयोग किया जाता है जैसे कि माइग्रेन के इलाज और अत्यधिक पसीने को नियंत्रित करने में.
झुर्रियों में कमी आना: बोटॉक्स मुख्य रूप से त्वचा पर नजर आने वाली फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने के लिए किया जाता है. ये झुर्रियां, महीन लाइंस माथे, आंखों के कोनों और मुंह के आसपास हो सकती हैं.
स्किन होती है रिफ्रेश: यह टेक्निक आपकी त्वचा को यंग और तरोताजा बनाती है.
माइग्रेन का इलाज: बोटॉक्स का उपयोग माइग्रेन के दौरे को कम करने के लिए भी किया जा सकता है.
ज्यादा पसीना आने को रोके: यह ट्रीटमेंट पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित कर अत्यधिक पसीने को नियंत्रित करने में मदद करती है.
भावनात्मक सेहत में सुधार: कुछ अध्ययन ये बात भी सामने आई है कि बोटॉक्स का उपयोग डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकता है.
दर्द और सूजन: इंजेक्शन जहां दी जाती है, उस जगह पर हल्का दर्द और सूजन होना सामान्य बात है.
सिरदर्द: कुछ मरीजों को बोटॉक्स के बाद सिरदर्द हो सकता है.
पलकों का गिरना: यदि बोटॉक्स गलत स्थान पर लगाया जाए, तो पलकों का गिरना संभव है.
थकान: कुछ लोग इंजेक्शन के बाद थकान महसूस कर सकते हैं.
अस्थायी असामान्यताएं: इंजेक्शन के बाद चेहरे की मांसपेशियों में असामान्यताएं हो सकती हैं, जो आमतौर पर अस्थायी होती हैं. First Updated : Saturday, 28 September 2024