थैलेसीमिया क्या होता है, क्या है इसके लक्षण और क्यों 3-6 महीने में पड़ती है ब्लड की जरूरत

थैलेसीमिया खून का एक गंभीर डिस ऑर्डर है इस बीमारी में जन्म से ही खून बनना बंद हो जाता है। इसलिए थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज को हर 3 से 6 महीने में खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। अगर खून न चढ़ाया जाए तो इससे मौत भी हो सकती है।

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थैलेसीमिया एक गंभीर खून की बीमारी है जो जन्म से होती है। इस बीमारी में, शरीर थायलेसेमिया ग्लोबिन (Hb) बनाने के लिए उपयोग किए जानेवाले एक या अधिक गंभीर मौजूद नहीं होते हैं। थायलेसेमिया ग्लोबिन वह प्रोटीन होता है जो शरीर के रक्तशरीर में होता है और ऑक्सीजन को लेकर शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचता है।

थायलेसेमिया रोगियों में ऑक्सीजन को शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचने में परेशानी होती है, क्योंकि शरीर ऑक्सीजन को उत्पादित करने के लिए अपने रक्त में थायलेसेमिया ग्लोबिन का उपयोग नहीं कर सकता।

थैलेसीमिया क्या है

थैलेसिमिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर है ,यह बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी में होने का खतरा बहुत होता है। इस बीमारी से पीड़ित होने पर शरीर में हीमोग्लोबिन बनना बंद हो जाता है। हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में प्रोटीन अणु के रूप में शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई करने का काम करता है। मगर थैलेसीमिया में आरबीसी तेजी से नष्ट होने  के कारण मरीज को एनिमिक होने लगता है।

 थैलेसीमिया के लक्षण

व्यक्ति के आनुवंशिक में थैलेसीमिया रोग के प्रकार पर निर्भर करते हैं। थैलेसीमिया माइनर में लक्षण बहुत हल्के होते हैं जबकि थैलेसीमिया मेजर में गंभीर होते हैं। इस बीमारी के कुछ प्रमुख लक्षण है तो आइए जानते है।

थैलेसीमिया माइनर के लक्षण

थैलेसीमिया के कोई समानतर लक्षण नहीं होते हैं।

महिलाओं के मासिक धर्म ब्लड की कमी के बड़े कारण थैलेसीमिया होते हैं।

थकान होना, कम ऊर्जा और कम ध्यान स्थिति  थैलेसीमिया के लक्षण है।

थैलेसीमिया मेजर के लक्षण

अत्यधिक थकान महसूस होना, थकान  के कारण कम ऊर्जा की स्थिति महसूस करना प्लांटेशन और तेज धड़कन होना, सांस लेने में कठिनाई, दमा और सांस संबंधी परेशानी- खुजली होना, त्वचा का रूखापन, फोड़े और सूजन होना- विषाक्त त्वचा, लालिमा और बदहजमी का होना- स्केलिंग और झुलसन होना थैलेसीमिया मेजर के लक्षण है।

ज्यादातर लोगों में थैलेसीमिया के लक्षण अनुपस्थित होते हैं। लेकिन यदि आपको थैलेसीमिया के लक्षण होते हैं तो आपको एक विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।   First Updated : Wednesday, 03 May 2023