अक्सर लोग सर्दी, जुखाम बुखार होने पर बिना किसी डॉक्टर के सलाह लिए खुद से ही दवाइयां खरीद कर खा लेते हैं. कई बार यह फायदेमंद भी साबित होता लेकिन ऐसा करना बिल्कुल सही नहीं है. अच्छे इलाज के लिए केवल दवा का सही होना जरूरी नहीं है बल्कि उसका तरीका भी ठीक होना चाहिए. इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक संदेश दिया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एंटीबायोटिक दवाओं के ऊपर बनाई गई लाल रंग की पट्टी का मतलब बताया है. साथ ही दवाओं से जुड़ी कुछ सावधानियां भी बरतने को कहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने दवाओं के पत्ते पर मौजूद लाल रंग की पट्टी के बारे में बताया है. मंत्रालय ने बताया कि दवाओं की पट्टी पर लाल रेखा का मतलब है कि डॉक्टर की सलाह के बिना दवा का सेवन नहीं करना चाहिए.
गौरतलब है कि, स्वास्थ्य मंत्रालय पिछले काफी समय से लोगों को दवाओं को लेकर जागरूक कर रही है. साल 2019 में भी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दवाओं को लेकर जागरूक किया गया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि, जिम्मेदार बनें और बिना डॉक्टर की सलाह के लाल लकीर वाली दवाई की पत्ती से दवाइयां न खाएं.
जिन दवाइयों के पत्तों पर लाल रंग की पट्टी होती है उसका मतलब यह होता है कि उसे डॉक्टर से दिखाकर यानी सलाह लेकर तभी खाना चाहिए. बता दें कि, लाल रंग की पट्टी वाली दवाइयां मेडिकल स्टोर वाले भी डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं बेच सकते हैं. अब बात करें लाल रंग की पट्टी लगाई क्यों जाती है तो बता दें कि, यह एंटीबायोटिक दवाओं को गलत तरीके से इस्तेमाल रोकने के लिए की जाती है. First Updated : Monday, 11 March 2024