World Alzheimer’s Day 2023: क्यों मनाया जाता है अल्जाइमर्स डे, क्या है 'नेवर टू अर्ली, नेवर टू लेट'?
World Alzheimer’s Day 2023: अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति चीज़ो को भूलने लगता है. हर साल इस बीमारी को 'वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे' के तौर पर मनाया जाता है. आखिर इसको मनाने के पीछे की क्या वजह रही थी?
हाइलाइट
- 21 सितमबर को मनाया जाता है 'वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे'
- इस बार की थीम है 'नेवर टू अर्ली, नेवर टू लेट'
World Alzheimer’s Day 2023: आमतौर पर किसी भी बात को भूल जाना, या चीज़ों को कहीं पर रखकर याद ना आना. ये सारी बहुत आम समस्या होती है. लेकिन यहीं समस्या जब ज़्यादा हो जाती है तो इसको अल्जाइमर कहा जाता है. दुनिया भर में हर साल 21 सितंबर को 'वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे' मनाया जाता है. आइए जानते हैं, आखिर इस दिन को मनाये जाने की शुरूआत कैसे हुई और इस बार की थीम क्या है?
क्या है अल्जाइमर?
अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान की याददाश्त धीरे-धीरे कम होने लगती है. इस बीमारी में दिमाग के वे सेल खत्म हो जाते हैं, जो हमको चीज़ों को याद रखने, सोचने और समझने में मदद करते हैं. ये बीमारी इतनी खतरनाक होती है कि अगर सही वक्त पर इसक इलाज नहीं किया जाए तो इसमें पीड़ित व्यक्ति को उसका नाम भी याद नहीं रहता है.
सितंबर में मनाया जाता है अल्जाइमर्स डे
भूलने की बीमारी कोई आम बीमारी नहीं होती है. इसके घातक परिणाम हो सकते हैं. इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए ही हर साल 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे के तौर पर मनाया जाता है. इसकी शुरूआत साल 1994 में हुई थी, जब इसके अल्जाइमर डिसीज इंटरनेशनल के 10 साल पूरे होने के मौके पर इसकी शुरूआत की गई थी.
क्या है इस साल की थीम?
इस साल की अल्जाइमर्स डे पर थीम 'नेवर टू अर्ली, नेवर टू लेट' रखी गई है. यह थीम डिमेंशिया से बचाव और उसके लक्षणों को पहचानने पर ज़ोर देती है. इसके सीथ ही ये इस बात पर भी ज़ोर देती है कि जिन लोगों को यह बीमारी हो चुकी है, उनके लिए भी देर नहीं हुई है और वे अब भी इसे और बढ़ने से रोक सकते हैं. अल्जाइमर डे अल्जाइमर और डिमेंशिया को ले कर चले आ रहे टैबू को खत्म करने की एक कोशिश है.