धूप में रहने के बाद भी हो रही Vitamin D की कमी, रिपोर्ट में सामने आई हैरान कर देने वाली वजह
Vitamin D Deficiency: धूप में रहने के बावजूद लोगों में बढ़ रही विटामिन D की कमी अब एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसका मुख्य कारण तेजी से फैलता वायु प्रदूषण है, जो सूर्य की जरूरी किरणों को हमारी त्वचा तक पहुंचने से रोक रहा है.

Vitamin D Deficiency: सूरज की किरणों को विटामिन D का सबसे प्राकृतिक स्रोत माना जाता है. लेकिन हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, अब भले ही लोग रोजाना धूप में रहें, इसके बावजूद उनके शरीर में विटामिन D की कमी पाई जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है तेजी से बढ़ता वायु प्रदूषण, जो सूरज की जरूरी अल्ट्रावॉयलेट-B (UVB) किरणों को हमारी त्वचा तक पहुंचने से रोक रहा है.
ICRER द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राजधानी दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में 72% से अधिक लोग विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं. इसमें देशभर से शामिल हुए करीब 300 डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने यह साझा किया कि यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप ले सकता है.
वायु प्रदूषण से ब्लॉक हो रही सूरज की किरणें
रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि प्रदूषित वातावरण में मौजूद सूक्ष्म कण और हानिकारक गैसें सूरज की UVB किरणों को सोख लेती हैं. इसका परिणाम यह होता है कि शरीर को जरूरी मात्रा में विटामिन D नहीं मिल पाता, क्योंकि यही किरणें स्किन पर पड़ने के बाद विटामिन D का प्राकृतिक संश्लेषण करती हैं.
शहरी जीवनशैली और अत्यधिक प्रदूषण की वजह से अब लोग बाहर निकलने से बचते हैं. इसका सीधा असर उनकी स्किन पर UVB किरणों के एक्सपोजर पर पड़ता है. यानी भले ही धूप हो, लेकिन लोग घर के भीतर ही रहते हैं, जिससे विटामिन D की प्राकृतिक प्राप्ति बाधित हो रही है.
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पर असर
डॉक्टरों ने रिपोर्ट में बताया कि विटामिन D की कमी का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि, 10 साल तक के बच्चों में 46% रिकेट्स से पीड़ित हैं, जबकि 80–90% बुजुर्ग ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हैं. इससे हड्डियां कमजोर होती हैं और टूटने का खतरा बढ़ जाता है.
विटामिन D की कमी से बढ़ते हैं ये खतरे
विशेषज्ञों के अनुसार, विटामिन D की कमी केवल हड्डियों की समस्या तक सीमित नहीं है. यह शरीर की समग्र कार्यप्रणाली पर असर डालती है. इससे हार्ट, किडनी और फर्टिलिटी जैसे अहम पहलुओं पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही, यह व्यक्ति की कार्यक्षमता और देश की प्रोडक्टिविटी को भी घटा सकती है.
विटामिन D की कमी के लक्षण
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हड्डियों में दर्द और कमजोरी
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मांसपेशियों में खिंचाव और थकान
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चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और एनर्जी लेवल में गिरावट
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इम्यून सिस्टम का कमजोर होना
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बच्चों में रिकेट्स और बुजुर्गों में ऑस्टियोपोरोसिस
Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


