पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के तेज होते हैं कान, सामने आया चौंका देने वाला रिसर्च

Women hearing ability: अक्सर कहा जाता है कि महिलाओं के कान पुरुषों के मुकाबले तेज होते हैं. अब वैज्ञानिक शोध ने इस धारणा को सच साबित कर दिया है. हाल ही में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया है कि महिलाओं की सुनने की क्षमता पुरुषों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Women hearing ability: अक्सर यह मजाक में कहा जाता है कि महिलाओं के कान तेज होते हैं. लेकिन अब वैज्ञानिक शोध ने इस बात की पुष्टि कर दी है. एक हालिया अध्ययन में यह सामने आया है कि महिलाओं की सुनने की क्षमता पुरुषों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती है. यह अध्ययन साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुआ है, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग और भौगोलिक क्षेत्रों के लोगों की सुनने की क्षमता का विश्लेषण किया गया.

शोध के निष्कर्षों से यह स्पष्ट हुआ है कि महिलाएं न केवल बेहतर तरीके से सुन सकती हैं, बल्कि उम्र बढ़ने के बावजूद उनकी सुनने की क्षमता पुरुषों की तुलना में अधिक प्रभावी बनी रहती है. इस अध्ययन में कई दिलचस्प तथ्य उजागर हुए हैं, जो इस धारणा को वैज्ञानिक आधार प्रदान करते हैं.

महिलाओं की सुनने की क्षमता ज्यादा

शोध के अनुसार, महिलाओं की सुनने की क्षमता औसतन पुरुषों से लगभग दो डेसिबल अधिक होती है. इस अध्ययन में पांच देशों के 13 अलग-अलग समूहों के 448 स्वस्थ वयस्कों को शामिल किया गया. इनमें ग्रामीण, शहरी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग शामिल थे. नतीजों से साफ हुआ कि हर परिस्थिति में महिलाओं की सुनने की क्षमता पुरुषों से बेहतर थी.

क्या है इसकी वजह?

वैज्ञानिकों का मानना है कि महिलाओं की बेहतर सुनने की क्षमता के पीछे जैविक और हार्मोनल अंतर मुख्य कारण हो सकते हैं. शोध में यह भी पाया गया कि उम्र बढ़ने के बावजूद महिलाओं की सुनने की क्षमता पुरुषों की तुलना में बेहतर बनी रहती है. दिलचस्प बात यह है कि दायां कान, बाएं कान की तुलना में थोड़ा अधिक संवेदनशील पाया गया.

पर्यावरण भी करता है असर

शोध में यह भी देखा गया कि जिस स्थान पर लोग रहते हैं, वह उनकी सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. ऊंचाई वाले इलाकों में रहने वाले लोगों की सुनने की क्षमता अपेक्षाकृत कम पाई गई, क्योंकि वहां ऑक्सीजन का स्तर कम होता है. वहीं, जंगलों में रहने वाले लोगों की सुनने की क्षमता अधिक बेहतर देखी गई. शहरों में लगातार शोर के संपर्क में रहने के कारण वहां के लोगों में ऊंची आवाजों के प्रति संवेदनशीलता अधिक देखी गई.

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03 April 2025, 02:05 PM IST

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