World Preeclampsia Day: जानिए क्या है प्रीक्लेम्पसिया
गर्भावस्था के दौरान एक महिला के जीवन में कई सारे बदलाव होता है। गर्भावस्था के समय एक महिला का जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। इस दौरान वह कई तरह के बदलावों के गुजरती है
गर्भावस्था के दौरान एक महिलाओं के जीवन में कई सारे बदलाव होता है। गर्भावस्था के समय एक महिला का जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। इस दौरान वह कई तरह के बदलावों के गुजरती है। प्रेग्नेंसी का एक महिला पर शरीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पडता है। गर्भवस्था में में महिलाएं अक्सर डायबिटीज, डीपी, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं का शिकार होती हैं। प्रीक्लैम्प्सिया गर्भावस्था में होने वाली एक ही समस्या है, जिससे कई महिलाएं परेशान रहती हैं।
इस दौरान महिला और शिशु दोनों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है लेकिन अक्सर इन दौरान महिलाएं कई तरह की समस्याओं का शिकार हो जाती हैं। गर्भावस्था में डायबिटीज, बीपी जैसी बीमारियां अक्सर महिलाओं को अपनी चपेट में ले लेती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली इस समस्या से महिलाओं को बचाने और इसे लेकर जागरूकता बढ़ाने के मकसज से हर साल 22 मई को विश्व प्रीक्लैम्प्सिया दिवस मनाया जाता है।
प्रीक्लेम्पसिया गर्भवती महिलाओं में होने वाली एक ऐसी समस्या है जो आमतौर पर गर्भधारण के 20 हफ्ते के बाद होती है। इस समस्या के होने पर अचानक ही हाई प्रेशर में बढ़ोतरी होने लगती है। साथ ही पैरों और बांह में सूजन आदि आने लगती हैं। यह एक गंभीर समस्या है। जिसका अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो मां और बच्चे की जान को खतरा हो सकता है।