ये भी क्या शाम-ए-मुलाक़ात आई। नासिर काज़मी

ये भी क्या शाम-ए-मुलाक़ात आई , लब पे मुश्किल से तेरी बात आई

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

ये भी क्या शाम-ए-मुलाक़ात आई

लब पे मुश्किल से तेरी बात आई

 

सुबह से चुप हैं तेरे हिज्र नसीब

हाय क्या होगा अगर रात आई

 

बस्तियाँ छोड़ के बरसे बादल

किस क़यामत की ये बरसात आई

 

कोई जब मिल के हुआ था रुख़सत

दिल-ए-बेताब वही रात आई

 

साया-ए-ज़ुल्फ़-ए-बुताँ में 'नासिर'

एक से एक नई रात आई

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07 August 2022, 06:18 PM IST

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