छोड़ो अब उस चराग़ का चर्चा बहुत हुआ | अहमद महफूज़

छोड़ो अब उस चराग़ का चर्चा बहुत हुआ अपना तो सब के हाथों ख़सारा बहुत हुआ क्या बे-सबब किसी से कहीं ऊबते हैं लोग बावर करो के ज़िक्र तुम्हारा बहुत हुआ

Janbhawana Times
Janbhawana Times

छोड़ो अब उस चराग़ का चर्चा बहुत हुआ

अपना तो सब के हाथों ख़सारा बहुत हुआ


क्या बे-सबब किसी से कहीं ऊबते हैं लोग

बावर करो के ज़िक्र तुम्हारा बहुत हुआ


बैठे रहे के तेज़ बहुत थी हवा-ए-शौक़

पस्त-ए-हवस का गरचे इरादा बहुत हुआ


आख़िर को उठ गए थे जो इक बात कह के हम

सुनते हैं फिर उसी का इआदा बहुत हुआ


मिलने दिया न उस से हमें जिस ख़याल ने

सोचा तो उस ख़याल से सदमा बहुत हुआ


अच्छा तो अब सफ़र हो किसी और सम्त में

ये रोज़ ओ शब का जागना सोना बहुत हुआ

calender
26 August 2022, 06:15 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो