ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का | वाजिदा तबस्सुम

ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का,हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आप का,

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 ये भी क्या एहसान कम हैं देखिये ना आप का

हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आप का

 

चाँद में तो दाग़ है पर आप में वो भी नहीं

चौदहवीं के चाँद से बढ़के है चेहरा आप का

 

इश्क़ में ऐसे भी हम डूबे हुए हैं आप के

अपने चेहरे पे सदा होता हैं धोका आप का

 

चाँद सूरज धूप सुबह कह्कशाँ तारे शमा

हर उजाले ने चुराया है उजाला आप का First Updated : Wednesday, 24 August 2022

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