'याद करना ही हम को याद रहा...', पढ़ें याद पर लिखे बेहतरीन शेर...
Best sher On Yaden: एक प्रेमी जोड़ा जब एक दूसरे से अलग होता है. तो उसे अपने महबूब की याद सताने लगती हैं. इस दौरान उसके साथ बिताए पलों को सोचकर आंखें नम तक हो जाती है. ऐसे में इस याद को भुलाने के लिए हम किसी न किसी शेर और शायरी का सहारा लेते हैं. ऐसे में पेश हैं याद पर लिखें बेहतरीन शायरों के शेर, जिन्होंने इन यादों को और भी गहराई से महसूस किया है.
Best sher On Yaden: इश्क में जब कोई जोड़ा बिछड़ता है, तो उसे अपने महबूब की याद सताने लगती हैं. इस दौरान उसके साथ बिताए पलों को सोचकर आंखें नम तक हो जाती है. ऐसे में इस याद को भुलाने के लिए हम किसी न किसी शेर और शायरी का सहारा लेते हैं. इस बीच पेश हैं याद पर लिखें बेहतरीन शायरों के शेर, जिन्होंने इन यादों को और भी गहराई से महसूस किया है.
याद करने पे भी दोस्त आए न याद
ख़ुमार बाराबंकवी
दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
नासिर काज़मी
याद और याद को भुलाने में
उम्र की फ़स्ल कट गई देखो
शीन काफ़ निज़ाम
याद तो हक़ की तुझे याद है पर याद रहे
यार दुश्वार है वो याद जो है याद का हक़
अब्दुल रहमान एहसान देहलवी
किसी की याद आती है तो ये भी याद आता है
कहीं चलने की ज़िद करना मिरा तय्यार हो जाना
मुनव्वर राना
ये भूल भी क्या भूल है ये याद भी क्या याद
तू याद है और कोई नहीं तेरे सिवा याद
जलालुद्दीन अकबर
कुछ खटकता तो है पहलू में मिरे रह रह कर
अब ख़ुदा जाने तिरी याद है या दिल मेरा
जिगर मुरादाबादी
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती
मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
हसरत मोहानी
उस को याद करो शिद्दत से याद करो
इस से तन्हाई में बरकत होती है
अहमद शहरयार