Bairam Khan: कौन था बैरम खां? जो अकबर को पाला पोसा और उसी ने हज पर जाते वक्त करवा दी हत्या

Bairam Khan Death Anniversary: मुगल काल में बैरम खां का नाम इतिहास के पन्नों में बड़े सम्मान के साथ दर्ज है. वह बाबर के शासन काल से मुगलों की सेवा शुरू की थी. वह हुमायूं के साथ-साथ उनके बेटे अकबर के भी भरोसेमंद सहयोगी थे. इन्ही के संरक्षण में अकबर बड़े हुए थे.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Bairam Khan Death Anniversary: तुर्किस्तान से भारत आए बैरम खां का मुगल सल्तनत को बचाने में अहम रोल रहा है. हुमायूं की मौत के बाद अकबर की ताजपोशी और दिल्ली में वापस कब्जा करने के लिए हमेशा उन्हें याद किया जाता है. वह अकबर के संरक्षक, मुख्य संरक्षक, सलाहकार और सबसे भरोसेमंद सहयोगी थे लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि, जिस अकबर को बैरम खां ने पाल-पोसकर शक्तीशाली बादशाह बनाया उसी ने उसकी हत्या करवा दी. आज बैरम खां का पुण्य तिथि है तो चलिए इस मौके पर इन किस्सों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

कौन थे बैरम खां-

बैरम खां का पूरा नाम मोहम्मद बैरम खां था.  उनका जन्म 18 जनवरी 1501 को मध्य एशिया के बदख्शां क्षेत्र में हुआ था. वह कारा कोयुनलू संघ के बहराल तुर्कमान कबीले से थे. उनके पिता सेफाल बेग बहारलू और दादा, जनाली बेग बहारलू बाबर की सेवा का हिस्सा थे. बैरम खां मुगल सल्तनत को बचाने में सक्रिय भूमिका निभाई है जिसकी वजह से उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज किया गया है.

अकबर के संरक्षक थे बैरम खां-

बैरम खां बादशाह हुमायूँ के परम मित्र और सहयोगी थे. वहीं हुमायूं के मरने के बाद वो अकबर के भी भरोसेमंद सहयोगी बन गए थे. 1556 में हुमायूं की मृत्यु के बाद अकबर उन्हीं के संरक्षण में बड़े हुए. उन्होंने ही अकबर की ताजपोशी की थी. जब मुगल सल्तनत पर खतरा मंडराने लगा था. तब उन्होंने सल्तनत बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह अकबर के संरक्षक होने के साथ-साथ मुख्य संरक्षक, सलाहकार और सबसे भरोसेमंद सहयोगी थे जिस वजह से उन्हें खान-ए-खानन की उपाधि दी गई थी जिसका मतलब होता है, "राजाओं का राजा ".

बैरम खां की हत्या का किस्सा-

अटेंडेंट लॉडर्स के मुताबिक बैरम खां की हत्या साल 1561 में जनवरी की आखिरी शाम गुजरात में कर दी गई. इनकी हत्या करने वाले मुबारक खान लोहानी ता जिसके पिता को 1555 में माछीवाड़ा की लड़ाई में मुगलों ने मार डाला था. कहा जाता है कि, अकबर को दरबार के कुछ लोगों ने  बैरम खान के खिलाफ भड़का दिया जिसके बाद उन्होंने उन्हें संरक्षक पद से हटा दिया. वहीं जब वह हज के लिए जा रहे थे तो रास्ते में ही उनकी हत्या कर दी गई.

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30 January 2024, 07:44 PM IST

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