Gulzar: साहित्य जगत के जाने माने लेखक गुलज़ार हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार थे. इसके अलावा वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक नाटककार तथा प्रसिद्ध शायर भी थे, उनकी रचनाए खासकर हिन्दी, उर्दू और पंजाबी में हैं. गुलज़ार को वर्ष 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है.
अपने उम्दा शब्दों के माध्यम से गुलजार साहब ने प्रेम, निराशा, और दिल टूटने जैसी भावनाओं को शब्दों में बखूबी पिरोया है. अगर आप प्यार में हैं या फिर आपका दिल टूटा है तो उनकी लिखी हुई शायरी पढ़ने पर जो एहसास होता है, वो अद्भुत है. यहां हम पेश कर रहे हैं उनकी करीब 20 ऐसी शायरी जिसमें दिल टूटने का दर्द भी बया होता है और प्यार में पड़ने का एहसास भी तो चलिए पढ़ते हैं.
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है
मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की
तपिश से धूप की दीवार भी तप जाएगी 'गुलज़ार'
तो बेहतर है कि ढूँडो तुम किसी गुलज़ार का साया
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं
सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
ये औरतों में तवाइफ़ तो ढूँढ लेती हैं
तवायफों में इन्हें औरतें नहीं मिलती
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
अपने साए से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा
First Updated : Thursday, 04 July 2024