Happy Friendship Day 2024: 4 अगस्त को दुनियाभर में फ्रेंडशिप डे मनाया जाएगा. इस मौके के हर कोई अपने दोस्तों के साथ सेलिब्रेट करेगा और उन्हें खास तरीकों से विस करेगा. ऐसे समय में हर किसी को कुछ अच्छी लाइनों की दरकार होती है जिसे वो अपने दोस्त को मैसेज कर पाएं या स्टेटस आदि में लगा पाएं. हम आपको यहां 20 खास शायरियां बता रहे हैं जिनके जरिए आप अपने अजीज को Friendship Day विश कर सकते हैं.
दोस्ती सबसे अनमोल रिश्ता होता है. जो बातें अपने घरों में बात नहीं कर पाते वो सारी बातें हमारा दोस्त बिना किसी सवाल के सुनता है. 4 अगस्त उसी दोस्त के लिए है. आपक उसे शुक्रिया कह सकते हैं और उससे अपनी दोस्ती जताने के साथ दिन सेलिब्रेट कर सकते हैं. इसी के लिए हम आपको 20 जोरदार शायरियां बता रहे हैं जो किसी गिफ्ट से भी बढ़िया गिफ्ट है.
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्त मिलता है बड़ी मुश्किल से
- हफ़ीज़ होशियारपुरी
दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में
जितने होते हैं सिवा उतने ही कम होते हैं
- लाला माधव राम जौहर
दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता'बीर भी है
रिश्ता-ए-इश्क़ भी है याद की ज़ंजीर भी है
- अज्ञात
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे
ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है
- शकील बदायुनी
प्यार दिल का सौदा है अक़्ल दिल की बीमारी
दोस्ती के पर्दे में दोस्ती से मत खेलो
- रईस अख़तर
दोस्ती क्या है फ़क़त दोस्त समझ सकता है
जिस ने मतलब से किया याद नहीं समझेगा
- अज्ञात
दोस्त कह कर न दे फ़रेब ऐ दोस्त
दोस्त पर एतिबार होता है
- सफ़ी औरंगाबादी
तलाश-ए-दोस्त को इक उम्र चाहिए ऐ दोस्त
कि एक उम्र तिरा इंतिज़ार हम ने किया
- हफ़ीज़ होशियारपुरी
सारे किरदार सो गए थक कर
बस तिरी दास्तान चलती रही
- फ़हमी बदायूंनी
दोस्त बनाने की ख़ातिर
सूरत सब पहचानी रख
- अब्दुस्समद ’तपिश’
दोस्ती और किसी ग़रज़ के लिए
वो तिजारत है दोस्ती ही नहीं
- इस्माइल मेरठी
दोस्त दिल रखने को करते हैं बहाने क्या क्या
रोज़ झूटी ख़बर-ए-वस्ल सुना जाते हैं
- लाला माधव राम जौहर
तेरे पास आया हूँ कहने एक बात
मुझ को तेरी दोस्ती दरकार है
- फ़िराक़ गोरखपुरी
दोस्ती पर जिस की मुझ को नाज़ हो
दोस्त मेरा एक भी ऐसा न था
- सय्यद मुनीर
दोस्त तो है नादान है लेकिन
बे-समझे समझाने वाला
- आरज़ू लखनवी
दोस्ती धूप से ही कर ली जब
राह में तब घना शजर आया
- शायान क़ुरैशी
दोस्त ही जान को भी आते रहे
दोस्तों ही से ज़िंदगी भी मिली
- रशीद कौसर फ़ारूक़
बहम रह सकें किस तरह आग पानी
निभे दोस्ती क्या तुम्हारी हमारी
- शाद लखनवी
वही दुश्मन बने बैठे हैं 'मैकश'
जो दम भरते थे अपनी दोस्ती का
- मैकश नागपुरी
ऐ दोस्त तुझ को रहम न आए तो क्या करूं
दुश्मन भी मेरे हाल पे अब आब-दीदा है
- लाला माधव राम जौहर