Harivanshrai Bachchan: साहित्य जगत के महान लेखक हरिवंश राय बच्चन की लेखिनी की जितनी तारीफ की जाए कम है. 20 वीं सदी में उनकी गिनती एक प्रशिक्षित हिंदी भाषी कवियों में होती थी. हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों में से एक थे. उनकी लिखी हुई कविताएं हर उम्र के लोगों पर अपना प्रभाव छोड़ती है. बच्चन जी ने हिंदी साहित्य में अविस्मरणीय योगदान दिया है. उनकी लिखी हुई कविताएं जीवन को सही राह पर दिखाने का काम करती है और सही शिक्षा भी देती है.
हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवम्बर 1907 को प्रयाग में एक कायस्थ परिवार में हुआ था. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी का अध्यापन किया है. बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रहे. अनन्तर राज्यसभा के मनोनीत सदस्य रहे. बच्चन जी की गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती है.
पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले.
पुस्तकों में है नहीं छापी गई इसकी कहानी,
हाल इसका ज्ञात होता है न औरों की ज़बानी.
अनगिनत राही गए इस राह से, उनका पता क्या,
पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की निशानी.
यह निशानी मूक होकर भी बहुत कुछ बोलती है,
खोल इसका अर्थ, पंथी, पंथ का अनुमान कर ले.
पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले
है अनिश्चित किस जगह पर सरित, गिरि गह्वर मिलेंगे.
है अनिश्चित किस जगह पर बाग वन सुंगर मिलेंगे,
किस जगह यात्रा खत्म हो जाएगी, यह भी अनिश्चित.
है अनिश्चित कब सुमन, कब कंटकों के शर मिलेंगे,
कौन सहसा छूट जाएंगे मिलेंगे कौन सहसा.
आ पड़े कुछ भी रुकेगा तू न ऐसी आन कर ले,
पूर्व चलने के बटोही बाट की पहचान कर ले.
First Updated : Friday, 12 July 2024