Jayanti: वाहे गुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु जी दी फतेह, कल मनाई जाएगी गुरु गोबिंद सिंह जंयती
Jayanti: 17 जनवरी 2024 को गुरु गोबिंद सिंह जी की मनाई जाएगी, बता दें कि, गुरू सिखों के 10वें एवं अंतिम गुरू हैं. वहीं सिखों को पंच ककार धारण करने का आदेश गुरु गोविंद सिंह जी ने ही दिया था.
हाइलाइट
- सिखों के 10वें एवं अंतिम गुरु की जयंती 17 जनवरी को मनाई जाएगी.
- गुरू गोविंद सिंह जी एवं बहादुरशाह अच्छे मित्र हुआ करते थे.
Jayanti: गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती कल यानी 17 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. दरअसल सिखों के दसवें गुरु कहे जाने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी खालसा पंथ के संस्थापक थे. गुरु गोबिंद सिंह जयंती को देश में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. इनके दिए गए ज्ञान आज भी सिखों में कूट-कूट कर भरा हुआ है. इतना ही नहीं सिखों को पंच ककार धारण करने का आदेश गुरु गोबिंद सिंह जी ने ही दिया था.
सिखों के 10वें गुरू
आपको बता दें कि, सिखों के 10वें एवं अंतिम गुरु की जयंती 17 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी. गुरु गोबिंद की जयंती को प्रकाश पर्व के तौर पर भी अधिक धूम-धाम से मनाया जाता है. इस विशेष दिन को मनाने के लिए गुरुद्वारों में भारी भीड़ इकठ्ठी होती है.
साथ ही गुरु को हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं. दरअसल गुरु गोबिंद ने सामाजिक समानता का समर्थन किया है. गुरु ने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा और सच के रास्ते पर चलकर गुजारा है. उन्होंने ऐसे कई वचन बोले हैं, जिसे अपना कर लोग अपना जीवन सार्थक बना सकते हैं.
गुरू गोविंद सिंह जी का जन्म
गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म साल 1666 में पौष मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन बिहार के पटना साहिब में हुआ था. उनके पिता का नाम श्री गुरु तेग बहादुर सिंह था, ये भी सिखों के 9वें गुरु थे. गुरु बहादुर सिंह ने भी अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में लगा दी थी.
गुरू गोविंद सिंह जी को किसने मारा?
दरअसल गुरु गोविंद सिंह जी एवं बहादुरशाह अच्छे मित्र हुआ करते थे, दोनों के रिश्तों में मधुरता थी. उनकी एकता देखकर सरहद का नवाब वजीत खाँ डरने लगा था. जिसके बाद क्या था, उनकी पीछे वाब वजीत खाँ ने अपनी सेना लगी दी, उन सेनाओं ने गुरुजी पर धोखे से घातक वार किया, जिसकी उपरांत वर्ष 1708 में गुरु गोबिन्द सिंह जी नांदेड साहिब के दिव्य ज्योति में लीन हो गए थे.