Mohammad Alvi Death Anniversary: उर्दू भाषा के विख्यात साहित्यकार मोहम्मद अल्वी का जन्म 10 अप्रैल 1927 को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था. वह एक भारतीय कवि थे जो उर्दू ग़ज़ल लिखने के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह नगर में प्राप्त की. वहीं बाद में उन्होंने दिल्ली के जामिया इस्लामिया से उच्च शिक्षा पूरी की. तो चलिए आज उनके पुण्यतिथि पर उनको याद करते हुए उनके लिखे गए शेर आपके सामने पेश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है आपको ये शेर पसंद आएंगे.
अंधेरा है कैसे तिरा ख़त पढ़ूँ
लिफ़ाफ़े में कुछ रौशनी भेज दे
अब तो चुप-चाप शाम आती है
पहले चिड़ियों के शोर होते थे
सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
कभी आँखें किताब में गुम हैं
कभी गुम हैं किताब आँखों में
अपना घर आने से पहले
इतनी गलियाँ क्यूँ आती हैं
आग अपने ही लगा सकते हैं
ग़ैर तो सिर्फ़ हवा देते हैं
मैं ख़ुद को मरते हुए देख कर बहुत ख़ुश हूँ
ये डर भी है कि मिरी आँख खुल न जाए कहीं
मौत भी दूर बहुत दूर कहीं फिरती है
कौन अब आ के असीरों को रिहाई देगा
रात मिली तन्हाई मिली और जाम मिला
घर से निकले तो क्या क्या आराम मिला
चला जाऊँगा ख़ुद को तन्हा छोड़ कर अल्वी
मैं अपने आप को रातों में उठ कर देख लेता हूँ
First Updated : Sunday, 28 January 2024