Ram Kripa: देशभर में भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग है, जिसके दर्शन करने से चार धाम की यात्री पूरी होती है. हिन्दू धर्म में शिव की आराधना की विशेष महत्वता है, इंसान की नहीं देवी-देवता भी भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं अगर ज्योतिर्लिंग की चर्चा की जाए तो रामेश्वरम का नाम सबसे पहले आता है. जिस शिवलिंग की स्थापना प्रभु राम के हाथों की गई थी, इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही भगवान शिव और प्रभु राम दोनों की कृपा प्राप्त होती है.
शास्त्रों में इस बात का वर्णन सुनहरे अक्षरों में किया गया था, कहा जाता है कि, जब श्रीराम रावण वध के बाद लंका से अयोध्या लौट रहे थे, इस दौरान जब वह लंका से समुद्र पार करने के बाद दक्षिण भारत के समुद्र किनारे पहुंचे. वहीं उन्होंने अपने हाथों से बालू की शिवलिंग तैयार की, और शिव की आराधना करने लगे, जिसके बाद भगवान भोलेनाथ प्रकट हुए. प्रभु राम ने शिव से प्रार्थना की और कहा कि आने वाले युगों-युगों तक भक्तों का कल्याण करने के लिए आप यहां विराजमान हो जाएं. जिसके बाद भगवान राम के इच्छानुसार शिव जी शिवलिंग रूप में वहां विराजित हो गए.
रामायण कथा में त्रेता युग के समय रावण नाम का असुर सभी देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों, इंसानों पर अधिक अत्याचार किया करता था. रावण के इस बढ़ते अत्याचार को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ के यहां पुत्र रूप में जन्म लिया. जिसके बाद जनक नंदिनी से प्रभु राम का विवाह हो गया था. वहीं दशरथ की तीसरी पत्नी कैकई के वचनों की वजह से राम, लक्ष्मण, सीता को 15 वर्ष के लिए वनवास जाना पड़ा. वन में रहने के दरमियान असुर रावण ने मां सीता का हरण कर लिया था.
मां सीता की खोज में निकले प्रभु राम की मुलाकात हनुमान जी से हुई, हनुमान भगवान राम के परम भक्त थे. जिसके बाद बजरंगबली ने भगवान राम की मुलाकात सुग्रीव से कराई, और श्रीराम के साथ सारी वानर सेना सीता की खोज में निकल पड़े. वहीं सर्व प्रथम मां सीता कहां है इसका पता भक्त हनुमान ने लगाया, इसके बाद श्रीराम वानर सेना के साथ लंका पहुंचे और रावण का वध करके लंका पर जीत हासिल की.
रावण वध के उपरांत श्री राम, लक्ष्मण और मां जानकी हनुमान जी, सुग्रीव, जामवंत और पूरी वानर सेना अयोध्या लौट रहे थे. उस समय श्रीराम दक्षिण भारत के समुद्र तट पर पहुंचे और बालू से शिवलिंग की स्थापना करके भगवान शिव की उपासना करने लगे. बता दें कि आज के समय में ये शिवलिंग वज्र के रूप में स्थापित है, जिसको 11वां ज्योतिर्लिंग कहा जाता है. First Updated : Sunday, 07 January 2024