Urdu Poetry: साहित्य कई बार ज़ख़्मों का मरहम साबित हो जाता है. कई बार देखा है कि जब इंसान परेशान होता है तो साहित्य की मदद से अपना दर्द बयान करता है. कुछ लोग मशहूर कोट्स, शेर या फिर साहित्यिक वाक्य शेयर कर अपने परेशानी का आलम बयान करते हैं. आज इस ख़बर में हम आपको कुछ बेहतरीन शेर पेश करने जा रहे हैं. इस शेरों का संबंध परेशानी और दर्द से ही है. इन शेरों के नीचे लिखने वाले शायर का नाम भी है.
ये ज़िंदगी जो पुकारे तो शक सा होता है
कहीं अभी तो मुझे ख़ुद-कुशी नहीं करनी
स्वनिल तिवारी
किसी ने फिर से लगाई सदा उदासी की
पलट के आने लगी है फ़ज़ा उदासी की
शाहिदा मजीद
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
साहिल लुधियानवी
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ
साहिल लुधियानवी
ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला
बशीर बद्र
कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया
साहिल लुधियानवी
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं
दिल हमेशा उदास रहता है
बशीर बद्र
हमारे घर की दीवारों पे 'नासिर'
उदासी बाल खोले सो रही है
नासिर काजमी
मैं रोना चाहता हूँ ख़ूब रोना चाहता हूँ मैं
फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं
फरहम एहसास
उस ने पूछा था क्या हाल है
और मैं सोचता रह गया
अजमल सिराज
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
जां निसार अख्तर
या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है
जिगर मुरादाबादी
इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले
वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते
असद भोपाली
हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब
फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे
इफ्तिखार आजमी First Updated : Wednesday, 28 February 2024