संत वैलेंटाइन कौन थे, आखिर क्यों मनाया जाता है उनके नाम पर वैलेंटाइन डे?
Valentine: रोम के राजा ने संत वैंलेनटाइन को प्यार का बढ़ावा देने के लिए फांसी की सजा देने का ऐलान किया था, क्योंकि रोम के राजा प्यार, मोहब्बत और प्रेम विवाह के बिल्कुल खिलाफ थे.
हाइलाइट
- संत वैलेंटाइन को सन् 269 में फांसी पर चढ़ा दिया गया.
- हर साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है.
Valentine: आज यानी 14 फरवरी को पूरा देश वैलेंटाइन डे मना रहा है. वैदिक काल से ही वसंत माह यानी फरवरी माह को प्यार का महीना माना जाता है. फरवरी की शुरुआत से ही मोहब्बत वीक की शुरुआत हो जाती है, हर दिन को एक विशेष दिन के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान अपने चाहने वालों को उपहार देकर प्यार का इजहार किया जाता है. प्यार जीवन का एक अहम हिस्सा है.
मगर क्या आपने कभी सोचा कि, आखिर वैलेंटाइन की शुरुआत कहां से हुई, इसका चलन कहां से आया. 14 फरवरी को ही क्यों वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, कौन वैलेंटाइन.
आखिर कौन हैं संत वैलेंटाइन
दरअसल रोम में एक पादरी हुआ करते थे, जिनका नाम संत वैलेंटाइन था. वह दुनिया भर में प्यार को बढ़ावा देना चाहते थे, प्यार उनके लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. वे प्यार को जीवन मानने के साथ आम लोगों को भी प्रेम के लिए प्रेरणा दिया करते थे. वहीं दूसरे तरफ रोम के राजा क्लॉडियस पादरी की इस सोच के खिलाफ थे. क्लॉडियस के राज्य में प्रेम करना एक जुर्म हुआ करता था, राजा के राज में प्रेम विवाह करने से आम जनता डरती थी. उनका कहना था कि, प्यार करके शादी करने से लोगों की आंतरिक शक्ति खत्म हो जाती है. इसलिए उनके राज्य में सैनिक हो या अधिकारी विवाह ही नहीं करते थे.
राजा के विरोध में हुआ प्रेम विवाह
राजा क्लॉडियस के हजार बार मना करने के बाद भी संत वैलेंटाइन ने आम लोगों को प्रेम विवाह करने के लिए प्रेरित किया. साथ ही दो प्रमियों को प्यार में सहयोग भी करते थे. उनकी इस बात का असर आम जनता पर ये हुआ कि, उन्हें लव गुरु के नाम से लोग जानने लगे. संत वैलेंटाइन की हर बात लोग माना करते थे. वहीं राज्य में रहने वाले सैनिक व अधिकारियों के साथ आम जनता के मन में मोहब्बत का परवान चढ़ने लगा. रोम की बात मान लोग प्रेम विवाह करने लगे.
संत वैलेंटाइन को मिली फांसी की सजा
संत वैलेंटाइन की इस हरकतों से राजा क्लॉडियस की भावनाओं को ठेस पहुंचा. संत वैलेंटाइन द्वारा प्यार को बढ़ावा देने को लेकर राजा क्लॉडियस ने पादरी के संत को फांसी की सजा देने का ऐलान कर दिया. जिसके बाद संत वैलेंटाइन को सन् 269 में फांसी पर चढ़ा दिया गया. दरअसल जिस दिन उनको मौत की सजा मिली उस दिन 14 फरवरी का दिन था. जिसके बाद से प्रत्येक साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है.