ईद मुबारक... जिसे तू देखना चाहे उसी की दीद हो तुझको...पढ़ें शानदार शेर

Shayari On Eid: इस साल देश में बकरीद का त्योहार 17 जून को बड़े धूम धाम के साथ मनाया जाएगा. इस तोयहार के खास मौके पर लोग आपस में गले लगते हैं, अपने सारे शिकवे गिले दूर करते हैं और ख़ुशियां बांटते हैं. इस मौके पर अगर आपकी महबूबा का दीदार हो जाए तो इस त्योहार का रंग और बढ़ जाता है. तो आइए पेश है ईद के त्यौहार पर कुछ चुनिंदा शेर...

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Shayari On Eid: ईद मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है. ऐसे में इस साल देश में बकरीद का त्योहार 17 जून को बड़े धूम धाम के साथ मनाया  जाएगा. इस तोयहार के खास मौके पर लोग आपस में गले लगते हैं, अपने सारे शिकवे गिले दूर करते हैं  और  ख़ुशियां बांटते हैं. इस मौके पर अगर आपकी महबूबा का दीदार हो जाए तो इस त्योहार का रंग और बढ़ जाता है. वहीं बेहतरीन शायरों ने भी अपने  शानदार  शेरों से ईद के एहसास को  सब के अंदर भरने का काम किया है. तो आइए पेश है ईद के त्यौहार पर कुछ चुनिंदा शेर...

माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़
शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी

जलील निज़ामी

अगर हयात है देखेंगे एक दिन दीदार
कि माह-ए-ईद भी आख़िर है इन महीनों में

मिर्ज़ा रज़ा बर्क़

ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो
और कहियो कि कोई याद किया करता है

त्रिपुरारि

अपनी ख़ुशियाँ भूल जा सब का दर्द ख़रीद
'सैफ़ी' तब जा कर कहीं तेरी होगी ईद

सैफ़ी सरौंजी

ईद आई तुम न आए क्या मज़ा है ईद का
ईद ही तो नाम है इक दूसरे की दीद का

अज्ञात

ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम
रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है

 क़मर बदायुनी

ईद के बा'द वो मिलने के लिए आए हैं
ईद का चाँद नज़र आने लगा ईद के बा'द

अज्ञात

कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती
हम को अगर मयस्सर जानाँ की दीद होती

ग़ुलाम भीक नैरंग

First Updated : Saturday, 15 June 2024