नई नस्ल के शायरों के शानदार शेर, पढ़कर कह उठेंगे वाह….!

Young Urdu Poetss Poetry in Hindi: यहां आपको कुछ नौजवान शायरों के शेर हिंदीं में पेश करने जा रहे हैं. पढ़िए

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Young Urdu Poets: नौजवान नस्ल के अंदर साहित्य को लेकर काफ़ी दिलचस्पी देखी जा रही है. कई नौजवान शायर बहुत अच्छा भी लिख रहे हैं और लाखों की तादाद में उनकी शायरी को पसंद करने वाले हैं. सोशल मीडिया के दौर में लोगों तक अपने अल्फ़ाज़ पहुँचाना बहुत आसान हो गया है. साथ ही लोगों की तरफ़ से मिलने वाली प्रतिक्रियाएँ भी नए लिखने वालों को काफ़ी प्रभावित करती हैं. आज हम आपको कुछ नौजवान शायरों के चुनिंदे शेर पढ़वाने जा रहे हैं. पढ़िए

अक्स समस्तीपुरी

बिक जाता हूँ हाथों-हाथ 
हद से ज़ियादा सस्ता हूँ 

यार मैं इतना भूका हूँ 
धोका भी खा लेता हूँ 

उस ने यूँ रास्ता दिया मुझ को 
रास्ते से हटा दिया मुझ को 

जिस हवा ने मुझे जलाए रखा 
फिर उसी ने बुझा दिया मुझ को 

अज़हर नवाज़

ख़ूबसूरत है सिर्फ़ बाहर से 
ये इमारत भी आदमी सी है 

कोई किरदार अदा करता है क़ीमत इस की 
जब कहानी को नया मोड़ दिया जाता है 

चारासाज़ो मिरा इलाज करो 
आज कुछ दर्द में कमी सी है 

मुझ को हर सम्त ले के जाता है 
एक इम्कान तेरे होने का 

अतीब क़ादरी

तुम्हारे हिज्र में जब भी कैलेंडर पर निगाह डाली 
सितंबर के महीने को सितमगर ही पढ़ा मैं ने 

पूछने वालों ने पूछा हाथ कैसे जल गया 
कैसे बतलाएँ किसी के दिल पे रक्खा था कभी 

जिन की उँगली थाम के चलना सीखा था 
हाए अब उन को बूढ़ा होते देखना है 

अब्बास क़मर

सिलवटें चीख़ती रहती हैं मिरे बिस्तर की 
करवटों में ही मिरी रात कटा करती है 
वक़्त थम जाता है अब रात गुज़रती ही नहीं 
जाने दीवार-घड़ी रात में क्या करती है 
मेरे कमरे में उदासी है क़यामत की मगर 
एक तस्वीर पुरानी सी हँसा करती है 

उन्हें आँखों ने बेदर्दी से बे-घर कर दिया है 
ये आँसू क़हक़हा बनने की कोशिश कर रहे थे First Updated : Sunday, 25 February 2024