दादरा और नगर हवेली में 4,873 करोड़ का शिलान्यास कर, बोले PM मोदी - 'हमने राष्ट्र में एक नई कार्यशैली विकसित की है'

दादरा और नगर हवेली के सिलवासा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयोजित कार्यक्रम में लगभग 4,873 करोड़ की लागत से 96 प्रोजेक्ट का शिलान्यास एवं शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'कोई कल्पना नहीं कर सकता है कि इतने छोटे क्षेत्र में चारों दिशा में आधुनिक और तेज गति से विकास कैसा होता है, ये हमने देखा है।

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

दादरा और नगर हवेली के सिलवासा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयोजित कार्यक्रम में लगभग 4,873 करोड़ की लागत से 96 प्रोजेक्ट का शिलान्यास एवं शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'कोई कल्पना नहीं कर सकता है कि इतने छोटे क्षेत्र में चारों दिशा में आधुनिक और तेज गति से विकास कैसा होता है, ये हमने देखा है। ये हमारा सिलवासा अब पहले वाला नहीं है, अब यह कॉस्मो-पॉलिटन हो गया है। हिंदुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं होगा, जिसके लोग सिलवासा में न रहते हों।  पिछले 9 वर्षों में हमने देश में एक नई कार्यशैली विकसित की है। अब जिस कार्य की नींव रखी जाती है, उसे तेजी से पूरा करने का भी प्रयास किया जाता है। एक काम पूरा करते ही हम दूसरा काम शुरू कर देते हैं।'

देश के सभी क्षेत्रों में विकास हो: PM मोदी


पीएम मोदी ने कहा कि 'नई औद्योगिक नीति से यहां औद्योगिक विकास बढ़ रहा है और रोजगार सृजित हो रहे हैं। आज मुझे लगभग 5000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करने का अवसर मिला है। ये परियोजनाएं शिक्षा, शहरी विकास, पर्यटन से संबंधित हैं... इससे जीवन सुगमता, व्यवसाय सुगमता और परिवहन सुगमता में सुधार होगा। पिछले नौ वर्षों में हमने देश में नई कार्य संस्कृति का परिचय दिया है। हमने जो काम शुरू किया है, उसे पूरा करना सुनिश्चित करते हैं। केंद्र सरकार, सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही है। देश के हर क्षेत्र का विकास हो, देश के हर क्षेत्र का संतुलित विकास हो, इस पर हमारा बहुत जोर है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'देश का यह भी दुर्भाग्य रहा है कि अनेक दशकों तक विकास को राजनीति के वोटबैंक के तराजू पर ही तौला गया। प्रोजेक्ट्स की घोषणाएं होती थी, लेकिन कहां से कितना वोट मिलेगा, किस वर्ग को खुश करने से वोट मिलेगा। जिनकी पहुंच नहीं थी, जिनकी आवाज कमजोर थी, वो अभाव में रहे और विकास यात्रा में पीछे छुटते गए। यही कारण है कि हमारे आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्र विकास से वंचित रह गए।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'दशकों की आजादी के बाद दादरा और नगर हवेली, और दमन और दीव में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था। मेडिकल की पढ़ाई का अवसर गिने-चुने युवाओं को ही मिला और वह भी अन्य जगहों पर। आज जिस मेडिकल कॉलेज को अपना कैंपस मिला है, वो इस अन्याय का बहुत बड़ा साक्षी रहा है। आजादी के दशकों दशक बीत गए, लेकिन दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली में एक मेडिकल कॉलेज नहीं बना था। 2014 में सत्ता में आने के बाद हमने पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम किया और फलस्वरूप इस क्षेत्र को अपना पहला NAMO मेडिकल कॉलेज मिला। हर साल करीब 150 स्थानीय युवाओं को मेडिकल की पढ़ाई का मौका मिलेगा। भविष्य में इस क्षेत्र से करीब एक हजार चिकित्सक आएंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि 'सेवा-भावना यहां के लोगों की पहचान है। कोरोना के समय में यहां के मेडिकल स्टूडेंट्स ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की थी।  आप लोगों ने जो Village adoption Programme चलाया था, उसका जिक्र मैंने 'मन की बात' में भी किया था। अंग्रेजी भाषा में शिक्षा अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए बाधा का काम करती है। यह कई लोगों को डॉक्टर और इंजीनियर बनने से वंचित कर देता है। हमारी सरकार ने इस समस्या का समाधान निकाला है। अब बच्चों के पास अपनी क्षेत्रीय भाषा में पढ़ने का विकल्प होगा। इससे छात्रों को उनके सपने पूरे करने में मदद मिलेगी।
 

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25 April 2023, 06:22 PM IST

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