आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है। पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी। स्थापना दिवस के मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर झंड़ा फहराया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल देशभर में भाजपा के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हनुमान जयंती के शुभ दिन पर, मैं सभी के लिए उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करता हूं। आज भारत बजरंग बली जैसी महाशक्तियों को साकार कर रहा है, भारत सागर जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक मजबूत होकर उभरा है। हमारी पार्टी, हमारे कार्यकर्ता लगातार हनुमान जी के मूल्यों और शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 'आज हम सभी अपनी पार्टी का स्थापना दिवस मना रहे हैं। मां भारती की सेवा में समर्पित प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भाजपा की स्थापना से लेकर आज तक जिन महान विभूतियों ने पार्टी को सींचा है... पार्टी को संवारा है, सशक्त और समृद्ध किया है, छोटे से छोटे कार्यकर्ता से लेकर के वरिष्ठ पद पर रह कर देश और पार्टी की सेवा करने वाले सभी महानुभावों को मैं शीश झुका कर प्रणाम करता हूं। हनुमान जी कुछ भी कर सकते हैं, सबके लिए करते हैं, लेकिन अपने लिए कुछ नहीं करते! भारतीय जनता पार्टी इसी से प्रेरणा लेती है! आज हम देश के कोने-कोने में भगवान हनुमान जी की जन्म जयंती मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'हनुमान जी का जीवन और उनके जीवन के प्रमुख प्रसंग आज भी हमें पुरषार्थ के लिए प्रेरित करते हैं... भारत की विकास यात्रा के लिए प्रेरणा देते हैं। हनुमान जी के पास असीम शक्ति है लेकिन इस शक्ति का इस्तेमाल वो तभी कर पाते हैं जब स्वयं पर से उनका संदेह समाप्त हो जाता है। 2014 से पहले भारत की भी यही स्थिति थी... लेकिन आज भारत बजरंगबली जी की तरह अपने भीतर सूक्त शक्तियों का आभास कर चुका है। आज भारत समंदर जैसी विशाल चुनौतियों को पार करने और उनका मुकाबला करने में पहले से ज्यादा सक्षम है।'
आज की मॉडर्न परिभाषा में जिस बात का बार बार जिक्र किया जाता है वो है- Can Do Attitude। अगर हनुमान जी का पूरा जीवन देखें तो डगर डगर पर Can Do Attitude की संकल्पशक्ति ने उनके लिए सफलता लाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करती है। 'कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहीं होय तात तुम्ह पाही' यानी ऐसा कोई भी काम नहीं है जो पवन पुत्र हनुमान कर नहीं सकते। जब लक्ष्मण जी पर संकट आया तो पूरा पर्वत ही उठा लाए। भाजपा भी इसी प्रेरणा से परिणाम लाने में लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करती रही है, करते रहना है, करते रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' भारतीय जनता पार्टी का मंत्र और लक्ष्य रहा है। जब जनसंघ का जन्म हुआ तो हमारे पास न तो ज्यादा राजनीतिक अनुभव था और न ही पर्याप्त संसाधन। हमारे पास सिर्फ 'मातृ भूमि की भक्ति' और 'लोक तंत्र की शक्ति' यानी 'मातृभूमि की भक्ति' और 'लोकतंत्र की शक्ति' थी। हम शुरू से ही उस देश के लोगों की बुद्धि और मूल्यों में गहरी आस्था रखते हैं, जो खुद 'लोकतंत्र की जननी' है। यह विश्वास दिन-ब-दिन अधिक से अधिक मजबूत होता जा रहा है। लोकतंत्र की कोख से जन्मा भाजपा लोकतंत्र के 'अमृत' से पोषित और पोषित हुआ है, और संविधान और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए गहराई से समर्पित है!
पीएम मोदी ने कहा कि "भाजपा सामाजिक न्याय को जीती है...इसकी भावना का अक्षरश: पालन करती है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलना सामाजिक न्याय का प्रतिबिंब है। 50 करोड़ गरीबों को बिना भेदभाव 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलना सामाजिक न्याय की सशक्त अभिव्यक्ति है। 45 करोड़ गरीबों के बिना भेदभाव जनधन खाते खोलना सामाजिक न्याय के Inclusive Agenda का जीता जगता उदहारण है। 11 करोड़ लोगों को शौचालय मिलना ही तो सामाजिक न्याय है। बिना तुष्टिकरण और भेदभाव किए भाजपा सामाजिक न्याय के इरादों को सच्चे अर्थों में साकार करने वाला एक पर्याय बन कर उभरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि '2014 में केवल सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ... 2014 में भारत के लोगों ने भारत के पुनर्जागरण की नई यात्रा का शंखनाद कर दिया है। 800 साल से ज्यादा की गुलामी से बाहर निकल कर एक राष्ट्र अपना खोया हुआ गौरव पाने के लिए फिर से उठ खड़ा हुआ है। इस प्रक्रिया में दशकों से चली आ रही बुराइयां धीरे-धीरे कमजोर पड़ती जा रही हैं। सन् 47 में अंग्रेज भले ही चले गए लेकिन लोगों को गुलाम रखने की मानसिकता यहीं छोड़ गए। आजादी के बाद देश में ऐसा वर्ग खूब फला-फूला जो सत्ता को अपना जन्मजात हक़ समझता था। इन लोगों की बादशाही मानसिकता ने देश के लोगों को हमेशा अपना गुलाम माना।'
पीएम मोदी ने कहा कि 'आज भाजपा देश में एक नए पॉलिटिकल कल्चर का नेतृत्व कर रही है जबकि कांग्रेस और उसके ही जैसे अन्य दलों का कल्चर आप देख सकते हैं। परिवारवाद, वंशवाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद के बंधक हैं ये सभी दल, जबकि भाजपा का पॉलिटिकल कल्चर प्रत्येक देशवासी को साथ लेकर चलने का है। कांग्रेस और उसकी जैसी पार्टियों का कल्चर है...छोटा-छोटा सोचना और उस से भी कम हासिल कर के खुशियां मानना। ये एक-दूसरे की पीठ थपथपा कर खुश हैं, जबकि भाजपा का पॉलिटिकल कल्चर है बड़े सपने देखना और उस से भी ज्यादा हासिल करने के लिए जी-जान से जुट जाना। हम शरीर का कण-कण और समय का पल-पल खपाने का हौसला रखते हैं।' First Updated : Thursday, 06 April 2023