देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज टाइगर प्रजोक्ट के 50 वर्ष पूरे होने पर कर्नाटक के बांदीपुर और मुदुमलाई टाइगर रिजर्व का दौरा करेंगे। रविवार 9 अप्रैल को पीएम मोदी इस अवसर पर मैसूरु में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले मेगा कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। इस दौरान पीएम मोदी नए बाघ जनगणना के आंकड़े भी जारी करेंगे।
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में पीएम मोदी अमृत काल भविष्य में बाघ संरक्षण के लिए भारत सरकार क्या कदम उठाएगी इसका विजन भी जारी करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (IBCA) को लॉन्च करेंगे।
आज पीएम मोदी ने जंगल सफारी पर के लिए न्यू लुक अपनाया है। पीएम मोदी के इस न्यू लुक की तस्वीरें सामने आई जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सभी को पीएम मोदी का यह अंदाज बहुत पसंद आ रहा है। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने खाकी रंग की पेंट के साथ प्रिंटेड टी-शर्ट पहने दिखाई दिए।
वहीं पीएम मोदी ने काले रंग के जूते और काले रंग की टोपी पहनी है। इसके अलावा पीएम मोदी की इस फोटो में वो हाथ में हाफ जैकेट को भी लिए नजर आ रहे हैं।
पीएम मोदी अपने के दौरे के पर चामराजनगर जिले के बांदीपुर में बाघ संरक्षण गतिविधियों में शामिल फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ से संवाद करेंगे। इसके अलावा पीएम मोदी स्वंय सहायता समूहों से भी बातचीत करेंगे।
आपको बता दें कि इसके बाद पीएम मोदी मुदुमलाई टाइगर रिजर्व जाएंगे और वहां थेप्पाकडू हाथी शिविर का दौरा करेंगे। इतना ही नहीं पीएम मोदी हाथी शिविर के कावड़ियों और महावतों से बातचीत करेंगे।
केंद्र सरकार ने जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट को देशभर में बाघों के आंकड़े कके बारे में अहम जानकारी दी थी। सरकार ने कोर्ट को बताया कि देश के टाइगर रिजर्व में 2,967 टाइगर हैं। आपको बता दें कि सरकार ने यह जानकारी साल 2018 की एक रिपोर्ट के आधार पर दी थी।
देश में बाघों के संरक्षण के लिए सन् 1973 में भारते सरकार ने एक महत्वपूर्ण योजना प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत शुरुआती 9 वर्षों में देश में 9 बाघ अभ्यारण की बनाए गए थे। आपको बता दें कि इस योजना की शुरू होने से देशभर में बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
बता दें कि देश में बाघों की संख्या तेजी से कम होने लगी थी। जिसका मुख्य कारण है इंसानों द्वारा बाघों का शिकरा किया जाना है। शिकार की वजह से भारत में 93 प्रतिशक बाघों को नुकसान हुआ है। वहीं एक सदी में पहले से बाघों की संख्या 100,000 घटी है। लेकिन प्रोजेक्ट टाइगर की वजह से एक बार फिर बाघ संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है।
वर्ष 2014 के बाद बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण व इनकी सुरक्ष के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने शिकार व व्यापार को रोकने को कहा था जिससे एशिया में इन जीवों को संरक्षित किया जा सके। आपको बता दें कि 2014 के बाद देश में इन सात जीवों की आबादी बढ़ी है।
वहीं साल 2018 में 2,967 बाघों की आबादी हो गई थी। जो साल 2014 में सिर्फ 2,226 ही थी। आपको बता दें कि गुजरात में बाघों की आबादी में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है First Updated : Sunday, 09 April 2023