विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में निर्मित कफ सिरप की गुणवत्ता को लेकर एक बड़ी चेतावनी दी है। मंगलवार 25 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ ने एक मेडिकल अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि भारतीय कंपनी द्वारा बनाया गया कफ सिरप मार्शल आइलेंड्स व माइक्रोनेशिया दूषित पाया गया है। जानकारी के अनुसार पंजाब की क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाया गया गुएफेनेसिन कफ सिरप की गुणवत्ता में खराबी दर्ज की गई है।
जिसके सेवन से लोगों की जान को खतरा हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि इस कफ सिरप में हानिकारक रयासन मिलने की पुष्टि हुई है जोकि बहुत ही खराब है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ की इस जानकारी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से फिलहाल कोई बयान नहीं दिया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जानकारी दी कि गुइफेनेसिन सिरप में टीजी सिरप के साथ, एथिलीन ग्लाइकॉल, और डायथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई है। जिससे लोगों की जान को खतरा हो सकता है। आपको बता दें कि इन सिरप में पाए गए इन रसायनों की पहचान ऑस्ट्रेलिया के नियामक द्वारा की गई थी। जांच के बाद में पूरी सूचना 6 अप्रैल 2023 को विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी गई थी।
डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गुएफेनेसिन कफ सिरप का उत्पादन पंजाब में क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जाता है। ट्रिलियम फार्मा नामक कंपनी गुएफेनेसिन कफ सिरप वितरण का दूसरे देशों में करती है। जोकि हरियाणा में स्थित है। डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से इस कफ सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा है।
डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि “इन दोनों ही कंपनियों ने कफ सिरप की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को किसी भी तरह की गारंटी प्रदान नहीं की है”। सूत्रों के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने ईमेल के माध्यम से गुएफेनेसिन कफ सिरप को लेकर सूचना दी। साथ ही हरियाणा और पंजाब सरकार से इस मामले में तुरंत एक्शन लेने की सिफारिश की।
इस मामले पर क्यूपी फार्मा केम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, सुधीर पाठक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को शक है कि “किसी ने भारत को बदनाम करने के लिए ऐसा किया है और कंबोडिया में भेजे गए कफ सिरप की नकल कर इसे मार्शल द्वीप और माइक्रोनेशिया में बेच दिया है”।
मिली जानकारी के अनुसार गुएफेनेसिन कफ सिरप को भारत से केवल कंबोडिया भेजे जाने की अनुमति दी गई थी। हैरान करने की बात यह है कि यह कफ सिर्फ मार्शल द्वीप और माइक्रोनेशिया तक कैसे पहुंचा? जबकि यहां तो इसे भेजने की कोई अनुमति दी ही नहीं गई थी। इसके बारे में फिलहाल कोई सूचना नहीं मिली है। बता दें गुएफेनेसिन कफ सिरप भारतीय बाजार में भी मौजूद है।
भारत में बनी दवाओं के लेकर पहले भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सवाल उठाए हैं। इससे पहले WHO ने भारतीय कंपनी मरीन बायोटेक की दो कफ सिरफ की गुणवत्ता को लेकर चेतावनी दी थी। डब्ल्यूएचओ ने Ambronol कफ सिरप और DOK-1 Max सिरप को में खराबी को लेकर अलर्ट जारी किया था। जोकि बच्चों के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इस पर रोक लगाने को लेकर अलर्ट भी जारी किया था।
इन सिरप की गुणवत्ता में खराबी का पता तब चला जब उज्बेकिस्तान में 21 बच्चों ने इन सिरप का सेवन किया था। जिसमें से 19 बच्चों की मौत हो गई थी। बाद में जांच में उन दोनों कफ सिरप में डाइथिलीन ग्लाइकोल और इथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा अधिक होने की सूचना सामने आई थी। First Updated : Wednesday, 26 April 2023