कोरोना से डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत
बुधवार को पूरे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 4000 से ऊपर पहुंच गई जो चिंता का विषय है। हालांकि राहत की बात यह जरूर है कि कोरोना के जितने भी नए केस मिले हैं जो केवल पांच राज्यों में ही केंद्रित हैं।
आशुतोष मिश्र
पिछले कुछ दिनों में कोरोना के नए वेरिएंट ने तहलका मचा रखा है। बुधवार को पूरे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 4000 से ऊपर पहुंच गई जो चिंता का विषय है। हालांकि राहत की बात यह जरूर है कि कोरोना के जितने भी नए केस मिले हैं जो केवल पांच राज्यों में ही केंद्रित हैं। अभी तक कोरोना का कहर महाराष्ट्र, कर्नाटका, केरल गुजरात और थोड़ा बहुत दिल्ली में देखने को मिल रहा है। बावजूद इसके मरीजों की संख्या 4000 से ऊपर पहुंचना चेतावनी के संकेत दे रहा है। इसके पूर्व पूरे देश में 4000 केस सितंबर महीने में मिले थे फिलहाल इस मामले में केंद्र सरकार और राज्य दोनों मिलकर काम कर रहे हैं।
बावजूद इसके आम लोगों को भी इस बीमारी से सावधान रहने की जरूरत है माना जाता है कि केंद्र सरकार ने भारत की लगभग पूरी आबादी को कोरोना की वैक्सीन लगवा दी है। ऐसे में डॉक्टर और विशेषज्ञ इस बीमारी को लेकर निश्चिन्त तो हैं लेकिन उनकी चिंता बनी हुई है। पिछले एक डेढ़ महीने में कोरोना बीमारी के एक नए वेरिएंट ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। ईश्वरीय दंड की वजह से लगातार मरीज बढ़ रहे हैं। संतोष की बात यह है कि कोरोना के ठीक होने वाले मरीजों की भी संख्या अच्छी खासी है। इसकी वजह से खतरे को विशेषज्ञ गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। बावजूद इसके आम लोगों को इस नई बीमारी से निपटने के लिए डरने की जरूरत तो नहीं है लेकिन सतर्क रहना काफी आवश्यक है।
यह बात इसलिए हो रही है कि बुधवार को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़े में कोरोना के कुल 4435 केस मिले इसमें सबसे अधिक केरल में 1025 महाराष्ट्र में 711 कर्नाटक में 324 तथा गुजरात में 324 मरीज इससे संक्रमित मिले। यह आंकड़े हमें आने वाले दिनों के लिए सचेत रहने के लिए संकेत दे रहे हैं। अगर ओवर ऑल इस बीमारी से संक्रमित और मरने वालों की संख्या पर नजर डालें तो पूरे देश में चार करोड़ 45 लाख केस अभी तक मिले हैं लेकिन संतोष की बात यह है कि इनमें चार करोड़ 41 लाख मरीज ठीक भी हो चुके हैं। लेकिन मौत का आंकड़ा बराबर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक कोरोना से कुल 532000 मौतें हो चुकी है जो चिंता का विषय है वर्तमान में पूरे देश में कुल 23000 एक्टिव मरीज हैं।
आने वाले दिनों में उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आम लोगों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। इससे निपटने का सबसे बड़ा उपाय यह है कि आम लोगों को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन करना जरूरी है। इससे लोग अपने स्वास्थ्य की चिंता तो करेंगे ही साथ में समाज में भी इस बीमारी को रोकने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार लोग मास्क पहनकर इस बीमारी को काफी हद तक एक दूसरे से फैलने में रोक सकते हैं।
दूसरी ओर स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना इस बीमारी को रोकने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए सैनिटाइजर के साथ हमें अपने हाथ को लगातार धोते रहना होगा। इससे इस बीमारी और संक्रमण के बढ़ने को रोकने में विशेष मदद मिलेगी। आने वाले दिनों में केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर और भी दिशा निर्देश और गाइडलाइन जारी होती रहेगी। उस पर अमल करना भारतीय नागरिकों का अहम कर्तव्य होगा। इस बीमारी के प्रकोप से बचने के लिए आम लोगों को एक दूसरे से तालमेल बिठा कर चलना भी विशेष कारगर उपाय सिद्ध होगा। इसके लिए अभी से कमर कसने की जरूरत है।