बाबा केदारनाथ धाम 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है, जानिए इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें
शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति केदारनाथ धाम में दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करते हैं उनकी यात्रा का फल उन्हें नहीं मिलता है। आज इस लेख में जानेंगे केदारनाथ धाम से जुड़ी रोचक बातें।
बाबा केदारनाथ धाम 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है, जानिए इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें केदारनाथ धाम भारत के उत्तराखंड में स्थित है। केदारनाथ मंदिर 4 धाम यात्राओं में से एक धाम है। धार्मिक दृष्टि से इस धाम का बहुत ही महत्व है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं।
केदारनाथ 12 ज्योर्तिलिंगों में से तीसरा लिंग है। इसका वर्णन शिव पुराण में भी किया गया है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति केदारनाथ धाम में दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करते हैं उनकी यात्रा का फल उन्हें नहीं मिलता है। आज इस लेख में जानेंगे केदारनाथ धाम से जुड़ी रोचक बातें।
तीन पहाड़ों से घिरा है
केदार धाम केदारनाथ मंदिर तीन पहाड़ो से घिरा हुआ है। इसमें 22 हजार फुट केदारनाथ, 21 हजार 600 फुट खर्च कुंड और 22 हजार 700 फुट भरत कुंड नामक पहाड़ शामिल हैं।
5 नदियों का संगम
केदारनाथ धाम में पांच नदियों का संगम होता है। मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी। यहां ठंड में बर्फबारी और बारिश होती है।
वास्तुकला
केदारनाथ मंदिर 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर के बाहर नंदी बैल की प्रतिमा विराजमान है।
17 किलोमीटर की यात्रा
केदारनाथ धाम जाने के लिए श्रद्धालुओं को 17 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। जोकि गौरीकुंड के शुरू होती है।
पंचकेदार नाम
जब महाभारत के युद्ध के बाद पांडव भ्राता हत्या के पाप की क्षमा मांगने भगवान शिव को ढ़ूंढ़ते हुए केदारनाथ पहुंचे तो शिव ने बैल का रूप धारण कर लिया था। जिसके बाद उनका धड़ के ऊपर का भाग काठमांडू, भुजाएं तुंगनाथ, मुख रुद्रनाथ, नाभि महाहेश्वर में और जटा कल्पेशवर में प्रकट हुई। इसलिए इसे पंचकेदार कहा जाता है।
चमत्कारी चट्टान
साल 2013 में जब उत्तराखंड में आपदा आई थी, तब पूरी केदार घाटी नष्ट हो गई। तब सर्फ केदारनाथ मंदिर बचा था इसका कारण है पहड़ों के टूट कर आई इस चट्टान के इसके आगे आ गई।
केदारनाथ धाम की ऊंचाई
केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई समुद्रतल से 3584 किलोमीटर की है।
खबरें और भी हैं...