बिहार में एक ऐसा मंदिर है जहां 109 वर्षों से लगातार अखंडज्योत जल रही है आइए जानते हैं इसके पीछे क्या रहस्य है। बिहार के इस मंदिर में कई वर्षों से लगातार अखंड ज्योति जलने वाली पिछे का रहस्य से हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं। मान्यता है कि यहां मातारानी अपने भक्तों की सभी मनेकामनाएं पूरी करती है।
हमारे देश में मंदिरों से जुड़ी रोचक कहानियां तो अक्सर आती रहती है ऐसे ही मंदिरों से जुड़ी एक और रोचक सूचना लेकर आए हैं। जहां पर एक अदभूत नजारा देखने को मिलता है। यह मंदिर बिहार राज्य की राजधानी पटना में स्थित है।
पटना के गोलघर का नाम तो सुना ही होगा, यहां एक ऐसा मंदिर है जहां की कहानी अद्भुत है राजधानी पटना के गोलघर से गुजरते हुए अक्सर आपने एक मंदिर देखा होगा इस मंदिर की बहुत ही अद्भुत कहानी है जिसे सुनकर आप सचमुच हैरान हो जाएंगे। राजधानी पटना स्थित गोलघर घर के रास्ते में एक श्री अखंड वासिनी माता का मंदिर है, जहां पर एक अद्भुत पहेली देखने को मिलती है। आपको बता दें कि यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है।
आम दिनों की तुलना में नवरात्रि के दौरान श्री अखंड वासिनी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ती है। यह मंदिर मां दुर्गा के रुप अखंड वासिनी माता के रूप में विराजमान हैं। बीते कई वर्षों से मंदिर में घी और तेल का अखंड दीपक लगातार जल रहा है।
सनातन धर्म में ऐसे कई मंदिर हैं जहां भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। ऐसे ही एक मंदिर बिहार के पटना में गोलघर की तरफ जाने वाले रास्ते में स्थित श्री श्री अखंडवासिनी माता का मंदिर है। यहां पर माना जाता है कि यहां भक्तों की सारी मनोकामनाएं मां दुर्गा पूरी कर देती है।
मंदिर परिसर में मां काली की प्रतिमा के साथ माता बाल मुखी की भी एक प्रतिमा स्थापित की गई है। मंदिर के पूजारियों का मानना है कि मंदिर पटना के शक्तिशाली शक्ति स्थल के रूप में है। श्री अखंड वासिनी मंदिर के पुजारी श्री विशाल तिवारी ने बताया कि यहां भक्त अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए मां को हल्दी, लाल फूल और सिंदूर अर्पित करके माता को प्रसन्न करते हैं।
आपको बता दें श्री श्री अखंड वासिनी मंदिर में तीनों पहर मां दुर्गा की आरती होती है। वही हर मंगलवार को भक्तों की भारी-भरकम भीड़ उमड़ती है। जो भी भक्त माता को मंगलवार को विशेष रुप से 9 गुड़हल के फूल, 7 साबुत हल्दी और एक पुरिया सिंदूर मां अखंडवासिनी को अर्पित करता है उसकी हर इच्छा पूरी होती है।
मंदिर के पुजारी विशाल तिवारी ने आगे बताया कि इस मंदिर में जो अखंड ज्योत जलती है वह माता कामाख्या मंदिर से लाया गया था, पटना का यह पहला मंदिर है। जहां तीन पीढ़ियों से एक ही परिवार के लोग माता दुर्गा की सेवा में लगे हुए हैं।
पुजारी जी आगे बताते हैं कि 1914 में उनके दादा आयुर्वेदाचार्य डॉ विश्वनाथ तिवारी इस अखंड दीपक की शक्ति पीठ कामाख्या मंदिर से पटना लेकर आए थे। उसी समय से अखंड वासिनी मंदिर में निरंतर अखंड दीप जलती रहती है। पुजारी का मानना है कि यहां पर जो भी भक्त श्रद्धा भक्ति और सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर आता है। मां दुर्गा उसकी सभी मनोकामनाओं को जरूर पूर्ण करती है। भक्तों को मातारानी पर अटूट विश्वाश है। First Updated : Friday, 24 February 2023