Chaiti Chhat pooja 2023 sandhya Arghya: आज है चैती छठ पर्व का तीसरा दिन, जानें सूर्य अर्घ्य का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि
Chaiti chhat pooja: चैती छठ पर्व का आज तीसरा दिन है इस दिन को काफी महत्व दिया जाता है।आज यानी 27 मार्च को चैती छठ पर्व का सबसे मुख्य दिन माना जाता है। इस दिन जो भी लोग इस पवित्र पर्व को मनाते हैं। ऐसे व्यक्ति डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं, फिर इसके अगले दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन किया जाता है।
Chaiti chhat pooja: चैती छठ पर्व का आज तीसरा दिन है इस दिन को काफी महत्व दिया जाता है।आज यानी 27 मार्च को चैती छठ पर्व का सबसे मुख्य दिन माना जाता है। इस दिन जो भी लोग इस पवित्र पर्व को मनाते हैं। ऐसे व्यक्ति डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं, फिर इसके अगले दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन किया जाता है।
सूर्य देव की उपासना का ये महापर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस दौरान भगवान भास्कर यानी सूर्य देव की अराधना करना बेहद जरुरी होता है। इस साल ये पर्व 25 मार्च से शुरू हुआ है और इसका समापन 28 मार्च को हो रहा है।चैती छठ पर्व के तीसरे दिन विशेष प्रकार का भोग पूजा के लिए तैयार किया जाता है।जिस भोग में सबसे अधिक ठेकुआ को महत्व दिया जाता है।
इस दिन प्रसाद बनाने के लिए एक नई टोकरी का प्रयोग किया जाता है।जिसमें हम फल साथ ही प्रसाद आसानी से रख सकते हैं। इसके साथ ही उसी टोकरी को व्रती तालाब, नदी या किसी अन्य घाट पर लेकर जाते हैं, और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं साथ ही उसकी पूजा करते हैं।
सूर्य देव को किस तरह से दें अर्घ्य ?
जो भी व्यक्ति छठ पूजा के इस व्रत को करते हैं ऐसे व्यक्ति छठ पूजा पर सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा करते हैं। ये महापर्व पूरे 4 दिनों तक चलता है जिसमें आज तीसरे दिन को काफी विशेष माना गया है। इस दिन व्रती पूरे दिन अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं कर सकते हैं।
शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सूर्य को अर्घ्य देने से पहले सभी पूजन सामग्री को बांस की टोकरी में सजा लेना चाहिए। फिर अपने परिवार के लोगों के साथ नदी, तालाब पर जाते हैं। इसके बाद सूप में प्रसाद को रखते हुए दीपक जला लें और डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर प्रणाम किया जाता है।
सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्रों का जाप आवश्य करना चाहिए । सूर्य देव की पूजा के साथ छठी मैया की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए इसके साथ ही पूजा के दौरान छठी मैया की गीत जरूर गाने चाहिए।
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