Chaitra Navratri 2023 First Day: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री को कैसे करें प्रसन्न,जानिए कलश की स्थापना करने का शुभ मुहूर्त कब है?
आज दुनियाभर में नवरात्रि का पहला दिन बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है।साथ ही आज के दिन प्रत्येक मंदिरों में भारी संख्या में मां के भक्त पूजा करते हुए नजर आ रहे हैं।आज नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को अर्पित है। शैलपुत्री का अर्थ है ‘पर्वत की बेटी’ मां शैलपुत्री शैलराज हिमालय की पुत्री को कहा जाता है।
आज दुनियाभर में नवरात्रि का पहला दिन बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है।साथ ही आज के दिन प्रत्येक मंदिरों में भारी संख्या में मां के भक्त पूजा करते हुए नजर आ रहे हैं।आज नवरात्रि का पहला दिन माता शैलपुत्री को अर्पित है। शैलपुत्री का अर्थ है ‘पर्वत की बेटी’ मां शैलपुत्री शैलराज हिमालय की पुत्री को कहा जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार मां शैलपुत्री पिछले जन्म में भगवान शिव की अर्धांगिनी और दक्ष की पुत्री थी। एक बार की बात है जब दक्ष ने महायज्ञ करने के आयोजन किया था।साथ ही सभी देवी-देवताओँ को निमंत्रित किया गया।
लेकिन उन्होंनें भगवान शंकर को को इस महाय़ज्ञ में निमंत्रित नहीं किया था। वहीं दूसरी और देवी सती यत्र में जाने के लिए व्याकुल हो रही थी।जब यज्ञ के लिए देवी सती को भगवान शिव ने व्याकुल देखा, तो उन्होंनें देवी सती को महायज्ञ में जाने के लिए अनुमति दे दी।
कैसे हुआ माता शैलपुत्री की जन्म?
देवी सती के घर पहुंचने के बाद जब उन्होंनें वहां भगवाव शिव के प्रति तिरस्कार का भाव देखा,तो बहुत पीड़ा हुई।वह अपने पति का अपमान सह व सकीं जिसके कारम उन्होंनें खुद को जलाकर भस्म कर लिया।यह देख भगवान शिव ने क्रोध में आकर यज्ञ को विध्वंस कर दिया। फिर कुछ समय बाद यही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रुप में जन्मी और माता शैलपुत्री के नाम से जानी जाती हैं।
किन चीजों का लगाएं भोग?
शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती हैं साथ ही माता शैलपुत्री को सफेद रंग क वस्त्र अर्पित करने चाहिए। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है।इसके आलावा यह भी कहा जाता है कि माता शैलपुत्री की पूजा करते समय देसी घी का इस्तेमाल करना बेहद जरुरी होता है। जब भी आप माता का भोग लगाएं तो याद रखे कि हलवे में देसी घी का ही प्रयोग करना चाहिए।
कब करें कलश की स्थापना?
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त इस वर्ष 22 मार्च 2023 को सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 07 बजकर 39 मिनट तक होगा। जो भी व्यक्ति इस शुभ मुहूर्त के अनुसार कलश की स्थापना करते हैं उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही सभी प्रकार की समस्याओं से आपको छुटकारा मिल सकता है।
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