हिंदू धर्म में नवरात्रि के इस पर्व को काफी महत्व दिया जाता है।शास्त्रों के अनुसार बताया जाता कि साल भर में कुल 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें से एक शारदीय, एक चैत्र नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग चैत्र और शारदीय नवरात्रि पर व्रत और पूजा उपासना करते हैं जबकि तांत्रिक क्रियाओं के लिए गुप्त नवरात्रि का महत्व होता है।
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का पर्व 22 मार्च दिन बुधवार से शुरु हो चुकी हैं। साथ ही इसका समापन 30 मार्च को होगा। चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा के 9 रूपों का पूजा-आराधना होती है। साथ ही उन्हें हर प्रकार की कोशिश की जाती है कि माता हम से प्रसन्न हो सके। नवरात्रि का त्यौहार आज दुनियाभर में काफी छाया हुआ है साथ ही प्रत्येक मंदिरों में मां के भक्त भारी संख्या में पूजा करते हुए नजर आ रहे हैं।नवरात्रियों के दिनों में सभी लोग व्रत रखते हैं साथ ही मां की उपासना करते हैं।
मां के नौ दिनों तक घर में लहसुन, प्याज, मांस, मछली, मटन, व आदि प्रकार की चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।आइए जानते हैं कि कलश की स्थापना यदि आप सुबह के समय नहीं कर पाएं है,तो कलश स्थापना करने का एक और शुभ मुहूर्त है जिसका आप प्रयोग कर सकते हैं।
यदि कुछ लोग किसी कारण सुबह के समय कलश की स्थापना नहीं कर पाएं है, तो इन लोगों के लिए एक और शुभ मुहूर्त है सुबह 11 बजकर 36 मिनट से शुरु होकर दोपहर 12 बजकर 14 मिनय तक रहेगा जो लोगो पहले मुहूर्त में कलश की स्थापना नहीं कर पाएं थे। ऐसे लोग इस समय कलश की स्थापना कर सकते हैं।इसके आलावा पूरे दिन नवरात्रि की पूजा की जा सकती है साथ ही व्रत भी रखे जा सकते हैं।
1. कलश का मुंह खुला न रखें, उसके ऊपर नारियल जरुर रखना चाहिए।
2. ध्यान रखे कि गलत दिशा में कलश की स्थापना न करें, कलश ईशान कोण में ही रखना चाहिए।
3. नवरात्रियों में सबसे महत्वपूर्ण है घर की साफ-सफाई करना साथ ही जहां पर कलश को रखना चाहते हैं वहां स्थान साफ होना चाहिए।
4. कलश की स्थापना करने से पहले अखंड ज्योति जला देना चाहिए।
Disclaimer: यहां पर मौजूद जानकारी के लिए Thejbt.com किसी भी प्रकार की मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को प्रयोग में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। First Updated : Wednesday, 22 March 2023