नासिक: आज भी मौजूद है पंचवटी का अस्तित्व, जहां से माता सीता का हुआ था हरण

पंचवटी महाराष्ट्र के नासिक में आज भी मौजूद है। यह रामायण काल से जोड़ा जाता है। भारत की दूसरी सबसे बड़ी नदी गोदावरी के तट पर यह आज भी स्थित है। पंचवटी वह जगह है जहां से माता सीता का हरण रावण करके ले गए थे। आपको बतां दें कि आज भी उस कुटिया का अस्तित्व बरकरार है

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पंचवटी महाराष्ट्र के नासिक में आज भी मौजूद है। यह रामायण काल से जोड़ा जाता है। भारत की दूसरी सबसे बड़ी नदी गोदावरी के तट पर यह आज भी स्थित है। पंचवटी वह जगह है जहां से माता सीता का हरण रावण करके ले गए थे। आपको बतां दें कि आज भी उस कुटिया का अस्तित्व बरकरार है

। महाराष्ट्र के नासिक में स्थित यह कुटिया रामायण काल से जोड़ कर देखा जाता है। यहां पर भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास का समय काटने के लिए आए थे। आपको बतां दें कि भगवान राम अपनी पत्नी सीता और अपने भाई के साथ 13 वर्ष तक चित्रकूट में निवास किए उसके बाद वह पंचवटी में बाकी का समय व्यतित करने के लिए आए थे।

क्यों कहा जाता है इसे पंचवटी

आपको बता दें कि पंचवटी के जिस कुटिया में भगवान राम अपनी पत्नी सीता एंव भाई लक्ष्मण के साथ रहते थे। उसका नाम तपोवन था, वहां पर एक लाईन से 5 बरगद के पेड़ थें इसलिए इसे पंचवटी कहा जाता है।

ये जगह इतना खास क्यों है

रमायण के अनुसार यह जगह खास इसलिए हैं क्योंकि यहीं से रामयाण यूद्ध का आगाज़ हुआ था। बताया गया हैं कि एक दिन शूर्पणखा पंचवटी कुटिया के पास से गुजर रही थी तो उसका ध्यान दो सुंदर राजकुमार के उपर गया देखते ही वह मोहित हो गई। जिसके बाद उसने माया का उपयोग करके सुंदर राजकुमारी का रूप धारण करके भगवान राम और लक्ष्मण के समक्ष विवाह का प्रस्ताव लेकर गई, लेकिन दोनो भाई प्रस्ताव को ठुकरा देते है जिस पर शूर्पणखा क्रोधित होकर माता सीता पर आक्रमण करने जाती है जिसके बाद लक्ष्मण जी भी माता सीता का बचाव करते हुए अपनी तलवार निकाल कर शूर्पणखा का नाक काट देते है। उसके बाद शूर्पणखा रोते हुए अपने भाई रावण को दुखड़ा सुनाने जाती है जिसके बाद  रावण अपने बहन की बातों में आकर माता सीता का हरण करके ले जाता है।

नासिक में लगता हैं कुंभ का मेला

12 साल के अंतराल पर नासिक में कुंभ का मेला लगता है जहां लोगों की काफी भीड़ एकत्रित होती है। कुंभ के मेले में लोग विशेष कर गोदावरी नदी में डुबकी लगाने आते है ऐसा मानयता है कि जो भी व्यक्ती गोदवरी नदी में स्नान करते है तो वह ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त हो जाते है। यह हिंदूओं का धार्मिक स्थल है। यहां भगवान राम सीता और लक्ष्मण जी के कई मंदिर भी है। First Updated : Friday, 27 January 2023