कब है फुलेरा दौज, क्यों होती हैं इस दिन सबसे ज्यादा शादियां

फुलेरा दौज पर राधा कृष्ण की फूलों से पूजा की जाती है. इससे दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है, इसके अलावा फुलेरा दौज पर दोष मुक्त मुहुर्त होता है और इस दिन बहुत सारी शादियां होती हैं।

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09 February 2023, 09:55 AM IST
फुलेरा दौज पर राधा कृष्ण की फूलों से पूजा की जाती है. इससे दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है, इसके अलावा फुलेरा दौज पर दोष मुक्त मुहुर्त होता है और इस दिन बहुत सारी शादियां होती हैं।
 
हिंदू धर्म में होली के पर्व को काफी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। होली से पहले आती है फुलेरा दौज जो फागुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। इस बार फुलेरा दौज 21 फरवरी को पड़ रही है, इस दिन भगवान कृष्ण और राधा जी की पूजा की जाती है और बृजमंडल यानी मथुरा, बरसाना, बृज और नंदग्राम में होली की आधिकारिक शुरूआत हो जाती है। मुख्य रूप से फुलेरा दौज बसंत ऋतु से जुड़ा त्योहार है और इसे दांपत्य और प्रेम संबंधों को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। मान्यता है कि होली भगवान कृष्ण को काफी प्रिय थी और वो राधा के साथ फुलेरा दौज पर फूलों की होली खेलते थे। 
 
शास्त्रों में फुलेरा दौज एक प्रकार का दोष मुक्त और बेहद शुभ दिन माना गया है जिसे शादी ब्याह के लिए अबूझ मुहुर्त माना जाता है। यानी इस दिन शादी ब्याह और अन्य  ककिसी भी मांगलिक कार्य के लिए मुहुर्त की जरूरत नहीं पड़ती है। जिन लोगों की शादी के लिए साल भर में कभी शुभ मुहुर्त नहीं मिलते, वो लोग इस दिन शादी करते हैं और यही कारण है कि फुलेरा दौज के दिन भारत में सबसे ज्यादा शादियां होती हैं।
 
फुलेरा दौज पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि फुलेरा दौज पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा करने से दांपत्य जीवन मधुर होता है और जिंदगी में प्रेम का आगमन होता है। खासकर वो लोग जिनकी कुंडली में प्रेम भाव और दांपत्य जीवन सुख का अभाव दिखता है, वो इस दिन राधा कृष्ण की पूजा करें तो जीवन में प्रेम का आगमन होता है। इस दिन फूलों से भगवान की पूजा करनी चाहिए तो जीवन में प्रेम और रस आता है। 
 
कैसे करें फुलेरा दौज की पूजा
फुलेरा दौज पर सुबह नहाते वक्त पानी में हल्दी मिलाकर स्नान करें। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की मूर्ति की पूजा करें। भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी को माला पहनाएं और कई तरह के फूलों से उनका श्रंगार करें। इसके बाद उनको गुलाल और इद्र अर्पित करें। इस दिन फूल चढ़ाना अति उत्तम कहा जाता है। आप भगवान को वैजयंती, कुमुदनी, रजनीगंधा, हरसिंगार के फूल अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद मधुराष्टक मंत्र का जाप करके राधा कृष्ण की आराधना करें।

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