Govardhan Puja 2022 : ग्वालियर। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट उत्सव के नाम से भी जाना जाता हैं। लेकिन इस साल सूर्य ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन नहीं हो सकी। आज गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजा के दिन छप्पन भोग भगवान को लगाने का विधान है। इसी दिन से मंदिर, मठों आश्रमों में अन्नकूट उत्सव के अंतर्गत भोजन प्रसादी बनाकर भक्तों को वितरण की जाती है। बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी के अनुसार दीपोत्सव महापर्व के अंतर्गत बुधवार को अन्नकूट गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
इस दिन आड़ल योग, स्वाति नक्षत्र दोपहर 1:04 बजे तक उसके उपरांत विशाखा नक्षत्र रहेगा। इसके साथ ही प्रीति योग 10:09 तक उसके उपरांत आयुष्मान योग प्रारंभ होगा। यह योग लोगों के लिए शुभमंगलकारी होंगे। 26 अक्टूबर बुधवार के दिन दोपहर 2:42 तक पड़वा तिथि रहेगी।
उसके उपरांत द्वितीय तिथि प्रारंभ होगी। जोकि 27 अक्टूबर को 12:45 तक रहेगी। इसके चलते कुछ लोग गोवर्धन की पूजा के साथ भाई दूज की पूजा भी करेंगे। क्योंकि 27 अक्टूबर को दोपहर 12:45 तक द्वितीय तिथि है। उसके उपरांत तृतीया तिथि का प्रारंभ होगा।
गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है -
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में भगवान इंद्र ने कृष्ण भक्तों से नाराज होकर मूसलाधार बारिश की थी। उस समय भगवान श्री कृष्ण ने छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर कृष्ण वंश को बचाया था। पर्वत के नीचे भगवान श्री कृष्ण ने सभी को सुरक्षा प्रदान की थी। तभी से भगवान श्री कृष्ण को गोवर्धन के रूप में भी पूजा जाता है। खास बात यह है कि गोवर्धन पूजा के दिन मथुरा के गिरिराज जी पर्वत की परिक्रमा लगाने व पूजा करने के लिए अंचल से लोग जाते हैं। First Updated : Wednesday, 26 October 2022