हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज #Hartalika Teej को सबसे बड़ी तीज माना जाता है। हरतालिका तीज से पहले हरियाली और कजरी तीज मनाई जाती है। हरतालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की मिट्टी की मूर्तिया बनाकर पूजा की जाती है।
विवाहित महीलाएं निर्जला व निराहार व्रत रखकर पति की लंबी आयू के लिए व्रत रहती है, जबकि अविवाहित महिलाएं अपने पसंद का जीवन साथी के लिए कामना के साथ व्रत रहती है। माना जाता है कि इस दिन पुण्य प्रभाव से कुवांरी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। इस बार हरतालिका तीज #Teej मंगलवार के दिन 30 अगस्त को है।
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
इस दिन सुबह 6:30 बजे से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। जबकि शाम 6 बजकर 33 मिनट रात 8 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा। हरितालिका तीज में श्री गणेश, भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा की जाती है। सबसे पहले मिट्टी से तीनों देवताओं ( गणेश जी, शिव जी, व माता पार्वती) की मूर्ती बनाए, व भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें। इसके बाद भगवान भोलेनाथ को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री आर्पित करें व माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरतालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढें। इसके बाद तीनों देवताओं की आरती उतारें व भोग लगाएं। First Updated : Monday, 29 August 2022