Holi 2023: जानिए किसे और क्यों नहीं देखना चाहिए होलिका दहन, क्या है इसके पिछे की वजह

Holi 2023: अगर किसी की नई शादी हुई है या नव विवाहित है ऐर वह होलिका दहन की पूजा अपने करने का सोच रही है तो सबसे पहले जान ले कि होलिका दहन की पूजा के नियम और पूजा किसे और क्यों करना चाहिए। तो आइए होलिका दहन से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में जानते है।

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Holi 2023: अगर किसी की नई शादी हुई है या नव विवाहित है ऐर वह होलिका दहन की पूजा अपने करने का सोच रही है तो सबसे पहले जान ले कि होलिका दहन की पूजा के नियम और पूजा किसे और क्यों करना चाहिए। तो आइए होलिका दहन से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में जानते है।

Holi 2023: सनातन धर्म में फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर जलाई जाने वाली होलिका की पूजा एवं दहन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके कई धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार 2023 में यानी इस साल होलिका दहन 07 मार्च 2023 को मनाई जाएगी।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त मंगलवार को संध्या के समय 06:24 से रात्रि 08:51 बजे की बीच का है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि होलिका की पूजा करने के बाद होलिका का दहन किया जाता है होलिका दहन के दौरान व्यक्ति अपने तमाम मुसीबतों को अग्नी में प्रवाहित करके सुख- सोभाग्य की कामना करते है। होलिका की पूजा और दहन को देखने को लेकर शास्त्रों में कई विशेष हिदायत दी गई है तो आइए जानते है कौन व्यक्ति इस पूजा को कर सकता है और देख सकता है।

इन महिलाओ को नहीं देखनी चाहिए होलिका दहन

हिंदू धर्म के शास्त्रो की माने तो जिन कन्याओं की अभी नई शादी हुई हो, उन कन्योओं को विवाह के बाद पहली होलिका दहन नहीं देखनी चाहिए। माना जाता है कि जो भी नवविवाहिता कन्याएं होलिका दहन देखती है तो उसे दोष लगता है जिसकारण वह सुख सौभाग्य से वंचित रहती है। शास्त्रों के अनुसार अगर कोई नवविवाहिता कन्याएं होलिका दहन को देखती है तो होलिका दहन के साथ-साथ उसकी सुखद कामनाएं भी उसी होलिका की आग में जलकर भष्म हो जाती हैं।

 

सास बहू को भी नही करनी चाहिए होलिका की पूजा

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि सास और बहू को एक साथ होलिका दहन की पूजा नहीं करनी चाहिए।अगर सास और बहू एख साथ होलिका की पूजा या होलिका को जलते हुए देखती है तो उसे बड़ा दोष लगता है जिसके कारण सास और बहू के रिस्तों में दरार देखने को मिलता है। उनके आपसी सबंध में खटास आती है जिसके चलते आपसी प्रेम और सामंजस्य कम होने तगता है।

गर्भवती महिलाओं के अशुभ माना जाता होलिका दहन

हिंदू धर्म में कई परंपराएं है जिसमें होलिका दहन के बारे में भी कई बाते कही गई है शास्त्रों में कहा गया है कि जो गर्भवती महिलाएं होली की पूजा करती है उसे कई संकटों से गुजरना पड़ता है इसलिए न तो होलिका की पूजा करनी चाहिए और न ही होलिका को जलते हुए देखना चाहिए। और जो भी गर्भवती महिलाएं इस नियम का पालन नही करती है और इसे अनदेखा कर देती है तो उनके पेट में पल रहे शिशू पर बूरा प्रभाव पड़ रहा है।

 

नवजात बच्चे की मां को नहीं करनी चाहिए होलिका की पूजा

दिंदू धर्म में होली एक रंगों का त्योहार माना जाता है इस दिन घर-घर में रंग बिरंगे पाकवान बनाए जाते है और धूमधाम से होली का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस त्योहार को मनाने से पहले होलिका की पूजा करके उसे जलाने की विधान है। इसके लिए कई नियम भी बनाए गए है।
 
माना जाता है कि नवजात शिशु की मां शिशु को लेकर होलिका की दहन नहीं देखनी चाहिए। ऐसा करने से शिशू पर इसका बूरा प्रभाव पड़ता है। ये भी कहा जाता है की होलिका दहन जहां होता है वहां नकारात्मक शक्तियों का वास होता है इसलिए भूलकर भी उस स्थान पर शिशु को नहीं ले जाने चाहिए। और जिसका एक संतान हो वैसे भी व्यक्ति को होलिका दहन नहीं देखनी चाहिए।
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27 February 2023, 02:44 PM IST

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