देशभर में होली का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल होलिका दहन (Holika Dahan) फाल्गुन पूर्णिमा के दिन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन के साथ ही नकारात्मक शक्तियों का भी अंत हो जाता है। इसे छोटी होली भी कहा जाता है, वहीं होलिका दहन के अगले दिन रंगो वाली होली खेली जाती है। बता दें कि इस साल 7 मार्च को होलिका दहन होगा।
क्यों मनाया जाता है होलिका दहन? जानें
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद को मारने के लिए उसके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया था कि वह प्रहलाद को लेकर जलती हुई आग पर बैठ जाए। बता दें कि होलिका को भगवान ब्रह्मा ने अग्नि में ना जलने का वरदान दिया था, लेकिन भगवान विष्णु की अनन्य भक्ति के कारण अग्नि में होलीका (Holika) जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद सकुशल बच गए। इसी दिन को होलिका दहन के रूप में मनाते हैं। होलिका दहन का दिन बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। बता दें कि होलिका दहन के दिन कुछ ऐसे विशेष उपाय हैं जिनको करने से किसी भी व्यक्ति को लाभ मिल सकता है।
होलिका दहन पर क्या करें?
1.होलिका की भस्म लगाएं- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली की भस्म को बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में होलिका की राख को माथे पर लगा सकते है। ऐसा माना जाता है कि होलिका की राख को माथे पर लगाने से अच्छे नतीजे मिलते है। माथे पर राख लगाने से शरीर में मौजूद सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती और बॉडी में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
2. उबटन से करें मालिश- हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है, होलिका दहन से पूर्व परिवार के सभी सदस्यों को सरसों का उबटन लगाना चाहिए। उबटन लगाने के बादा मालिश करें और इसके अवशेष को होलिका की अग्नि में डाल दें। ऐसा करने से यदि आपके परिवार के किसी सदस्य पर जादू टोने का असर हो तो वह खत्म हो जाता है।
3. गेहूं की बाली खाएं- होलिका दहन के समय आप अग्नि में गेहूं, मटर, और अलसी डालें। वहीं गेहूं की बालियां आग में सेंककर खाने से सेहत को काफी फायदा मिलता है। ये हेल्थ के लिए लाभकारी होती है।
4. घर में छिड़कें भस्म- हिंदू शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन हो जाने के पश्चात होलिका की राख को लाकर अपने घर के हर कोने में जरूर छिड़के। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में खुशहाली बनी रहती है। इसके साथ ही घर में व्याप्त नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता है।
5. भस्म का बनाएं ताबीज- होलिका दहन होने के बाद उसकी जो भी राख बच जाए, उसे किसी कपड़े में बांधकर ताबीज बना ले। इस ताबीज को पहनने से भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं का साया दूर रहता है। वहीं भस्म के ताबीज से टोने-टोटके का असर भी खत्म हो जाता है।
ध्यान रखें ये बात
होलिक दहन के दिन सबसे जरूरी है कि आप पूजा सच्चे मन और विधि-विधान से करें। वहीं इस दिन मांस, मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए। बता दें कि पूजा करते समय काले और नीले वस्त्र न पहनें। इसके बजाय हरा, लाल या फिर पीले रंग के कपड़े पहन सकते है।
नवविवाहित जोड़े न करें ये काम
हिंदू मान्यताओं के अनुसार जिन लोगों का विवाह सालभर के अंदर हुआ है, उन्हें होलिका दहन की आग नहीं देखनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि होलिका अपने प्रेमी से फाल्गुन पूर्णिमा में विवाह करने वाली थी, लेकिन वह जलकर मर गई, जिससे उसका विवाह नहीं हो पाया। इस वजह से नवविवाहित जोड़ों को होलिका दहन में शामिल होने से मना किया जाता है। First Updated : Thursday, 23 February 2023