संसार में सत्ता के कितने स्तर हैं? भाग 1

हमें ये जानना जरूरी है कि संसार में सत्ता के कई स्तर हैं। हम यही समझते हैं हमेशा कि संसार में सत्ता के एक ही स्तर हैं। जैसा हमें दिखाई देता है नदी पहाड़ सारी चीजें सत्ता का केवल यही एक स्तर नहीं है। सत्ता के तीन स्तर सनातन धर्म में माने गए हैं। प्रतिभाषिक सत्ता, व्यावहारिक सत्ता और पारमार्थिक सत्ता।

Sagar Dwivedi
Sagar Dwivedi

हमें ये जानना जरूरी है कि संसार में सत्ता के कई स्तर हैं। हम यही समझते हैं हमेशा कि संसार में सत्ता के एक ही स्तर हैं। जैसा हमें दिखाई देता है नदी पहाड़ सारी चीजें सत्ता का केवल यही एक स्तर नहीं है। सत्ता के तीन स्तर सनातन धर्म में माने गए हैं। प्रतिभाषिक सत्ता, व्यावहारिक सत्ता और पारमार्थिक सत्ता। जैसा की सत्ता का एक स्तर होता है हमारी एक दुनिया होती है सपनों की दुनिया, जब हम सपने देखते हैं लेकिन जैसे ही हम जगते हैं सपनों की दुनिया खत्म हो जाती है।

इसी बात को हम समझ सकते हैं आज के वर्चुअल वर्ल्ड में। वर्चुअल वर्ल्ड में भी इंसान उसी तरह काम करता है जिस तरह वो आम जिंदगी में करता है लेकिन अगर देखा जाए तो वर्चुअल वर्ल्ड उस तरह से नहीं है जिस तरह से एक्चुअल वर्ल्ड है। हमारी एक परंपरा अद्वैत वेद की परंपरा भगवान श्रीकृष्ण भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह जो संसार हमें दिखाई देता है इसकी एक सापेक्षिक सत्ता है। विज्ञान कहता है कि ये समय रिलेटिव है लाइट के, इस संसार की गति रिलेटिव है लाइट के।

लेकिन शास्त्र कहते हैं कि सारा संसार ही रिलेटिव है और ये रिलेटिव है ब्रह्म के। ब्रह्म अल्टीमेट रियलिटी है और यह सापेक्षिक सत्ता है। एक तरह से ये वर्ल्ड जिसे हम एक्चुअल समझते हैं यह भी एक वर्चुअल वर्ल्ड है। जो आज का वर्चुअल वर्ल्ड है उसके लिए ये एक्चुअल वर्ल्ड है लेकिन जो ब्रह्मण है, ब्रह्म की तुलना में ये वर्चुअल वर्ल्ड है ब्रह्म एक्चुअल वर्ल्ड है।भगवान श्रीकृष्ण को समझाते हुए कह रहे हैं कि जो ये शरीर है वो वास्तविक नहीं है। हमारा यह देह ये शरीर नाशवान है।

ये खत्म होनी है और इसके पीछे जो शरीरी है जो आत्मा है वो नित्य है वो हमेशा रहने वाला है वो खत्म नहीं होगा। इसलिए जो अविनाशी है अप्रमेय है जो तुम हो तुम खत्म नहीं होगे यह तुम्हारा शरीर खत्म होगा। इस बात को जानो और इस बात को समझो। इस बात को जानने और समझने से व्यक्तिगत जीवन का जो व्यवहार है कि जब हम ये समझना चालू कर देते हैं कि मैं यह शरीर नहीं हूं मैं इस शरीर से अलग हूं तो पहली बात मैं सुखों और दुखों से एक कदम पीछे चला जाता हूं।

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27 January 2023, 03:44 PM IST

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