ॐलोक आश्रम: 75 साल में देश ने कितनी प्रगति की है?
देश की आजादी के 75 साल बाद भी देश में गरीबी है यह सच है लेकिन साथ में इन 75 सालों में देश ने आर्थिक प्रगति भी की है। पहले के समय के गांव को ले लीजिए जहां के घर मिट्टी के बने होते थे।
ॐलोक आश्रम: देश की आजादी के 75 साल बाद भी देश में गरीबी है यह सच है लेकिन साथ में इन 75 सालों में देश ने आर्थिक प्रगति भी की है। पहले के समय के गांव को ले लीजिए जहां के घर मिट्टी के बने होते थे। कच्ची सड़के हुआ करती थी। घरों में शौचालय नहीं थे। पेयजल का संकट था। बहुत ही कम छोटे बच्चे ऐसे होते थे जिनके पास पहनने को कपड़े होते थे। लोगों के पास एक या जोड़ी कपड़े हुआ करते थे। आज वही गांव है जहां लगभग हर घर पक्का बना हुआ है। पक्की सड़के बनीं हुई हैं। घरों में शौचालय की व्यवस्था है। हर जगह हैंडपंप लगे हुए हैं या फिर जलापूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था है। हर घर में टू व्हीलर है। हर घर में बिजली है जो पहले नहीं हुआ करती थी। प्रगति हुई है लेकिन फिर भी देश में अमीरी और गरीबी के बीच का अंतर बहुत अधिक है।
अगर हम बात करें तो आजादी के 75 साल में हम उतनी प्रगति नहीं कर पाए जितनी हमने सोची थी। या हम यूं कहें कि देश के रूप हम मजबूत हुए हैं लेकिन जो बिल्कुल अंतिम श्रेणी में व्यक्ति है उसके लिए बहुत कुछ किया जाना अभी बाकी है। प्रगति के पैरामीटर क्या होने चाहिए। किसे हम प्रगति कहेंगे। आज पूरी दुनिया चीन का उदाहरण दे रही है। लोग कहते हैं कि चीन ने काफी प्रगति की लेकिन चीन और भारत की तुलना किस हद तक जायज है क्योंकि भारत लोकतंत्र है। किसी व्यक्ति को आप अच्छा खाना, अच्छे कपड़े दे दो लेकिन उसकी स्वतंत्रता छीन लो तो क्या उसे प्रगति कहा जाएगा। लेकिन हो सकता है उसके पास अच्छा खाना न हो उसके पास पहनने को अच्छे कपड़े न हों लेकिन उसके पास स्वतंत्रता हो। किस जीवन को आप अच्छा जीवन कहोगे।
किसे आप प्रगति कहोगे। आप पिंजड़े में एक पक्षी को बंद कर दो और उसे अच्छे से अच्छा खाना दो लेकिन अगर आपने उसका पिंजड़ा खोल दिया और एक बार वो उड़ गया तो वो फिर वापस नहीं आता। यही मानव के साथ है। मानव स्वतंत्रता चाहता है और वह स्वतंत्रता किसी भी कीमत पर चाहता है। यह देश इस मायने में सबसे उत्तम है कि यहां पर व्यक्ति को स्वतंत्रता है और स्वंतत्रता के साथ व्यक्ति ने विकास किया है। लोकतंत्र के साथ इस देश ने विकास किया है। इस देश के व्यक्ति ने विकास किया है।
हम बहुत अच्छी स्थिति में इस बात को लेकर हैं, इस मानसिक स्थिति को लेकर हैं कि भारत का व्यक्ति यह सोच पा रहा है कि हम दुनिया में आगे बढ़ेंगे। हमें आगे बढ़ना है। हम नंबर वन हो सकते हैं। आज से 20-25 साल पहले व्यक्ति यह नहीं सोच पाता था। आज अगर आप 10 साल या 20 साल पहले का सोचो तो भारत और पाकिस्तान का ही कंपीटिशन बना रहता था। आज भारत के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान दूर-दूर तक हमारे अगल-बगल में भी नहीं ठहरता। आज दुनिया में भारत कहीं भी अपने आप को देखता है तो कम से कम यूरोप के बराबर देखता है एक देश के रूप में।
लेकिन भारत में अभी गरीबी की समस्या है। गरीबों की बड़ी संख्या है देश में। उसके लिए आवश्यकता है जनता के सोच में बदलाव की। संघर्ष सहना है। व्यक्ति को आगे बढ़ना है तो थोड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। सरकारें सहायता दे रही हैं। स्वयंसेवी संगठन भी हैं। लोग थोड़ा और संघर्ष करेंगे। लोगों के और विजन आएंगे और तब देश आगे बढ़ेगा। इस विश्व में इस समय जिस स्थिति में खड़े हैं, आने वाला समय भारत का है ये हम विश्वासपूर्वक कह सकते हैं.