कैसे पता करें कि शनि हैं खराब विशेष उपाय से प्रसन्न होंगे शनि देव

इस बार शनिवार का दिन बेहद खास होने जा रहा है। आज से माघ मास प्रारंभ हो रहा है। माघ महीना को धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना गया है। इस मास में स्नान, दान और शनि के पिता सूर्य की उपासना की जाती है।

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इस बार शनिवार का दिन बेहद खास होने जा रहा है। आज से माघ मास प्रारंभ हो रहा है। माघ महीना को धार्मिक दृष्टि से बेहद खास माना गया है। इस मास में स्नान, दान और शनि के पिता सूर्य की उपासना की जाती है। पंचांग के अनुसार इस दिन प्रतिपदा की तिथि रहेगी, पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राशि चक्र का ये सातवां नक्षत्र है। इस नक्षत्र के स्वामी गुरू है जो शनिवार को अपनी ही राशि यानि मीन में विराजमान है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए 7 जनवरी को विशेष संयोग भी बन रहा है। ऐसे में शनि देव की पूजा के लिए ये समय उत्तम है। 

शनि को ज्योतिष शास्त्र में बेहद महत्वपपूर्ण ग्रह माना गया है। ये न्याय के कारक है। इसीलिए इन्हें कलियुग का दंडाधिकारी यानि न्यायाधीश भी कहा जाता है। जो लोग पद और धन आने पर दूसरों को कमजोर समझने लगते हैं और दूसरों का अहित करते हैं। ऐसे लोगों को शनि अपनी दशा, अंर्तदर्शा, साढ़े साती और ढैय्या के दौरान कठोर दंड प्रदान करते हैं।

कब करनी चाहिए शनि देव की पूजा और कैसे पहचाने की शनि खराब हैं। जब शनि खराब होते हैं तो व्यक्ति परेशानियों से घिरा रहता हैं। अज्ञात भय का डर बना रहता है। हर काम में असफलता मिलती है। यहां तक की व्यर्थ की यात्राएं करनी पड़ती है। नौकरी जाने का खतरा बना रहता है। जॉब मिलने में दिक्कत आती है। कर्ज बढ़ता रहता है। सगे-संबंधियों से रिश्ते खराब हो जाते हैं। दरिद्रता घेरने लगती है। इसके साथ ही गंभीर रोग के शिकार भी हो सकते हैं। ऐसे में शनि देव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

शनि को प्रसन्न करने के उपाय-

शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करें, इस दिन नजदीकी शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि प्रसन्न होते हैं।

शनि का दान 

इस शनिवार काले कंबल का दान करें। काले कंबल का दान करने से शनि जल्द प्रसन्न होते हैं। शनि का दान करते समय दिखावा न करें और जरूरतमंद व्यक्ति को ही दान दें।

शनि का मंत्र 

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

ॐ शं शनैश्चराय नमः।

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥ First Updated : Friday, 06 January 2023