जानिए सूर्य जयंती का हमारे जीवन में क्या महत्व हैं?
हिंदू धर्म में सभी लोग सूर्य जयंती के लंबे समय से इंतजार मे रहते हैं ।इस दिन जो भी महिलाएं पूरे सच्चे मन से पूजा करते हैं उनकी मनोकमना जरूर पूरी होती है।
शास्त्रों के अनुसार इस बार सूर्य जयंती शनिवार 28 जनवरी को मनाई जा रही है ।साथ ही यह माघ के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बड़े ही धूम-धाम से लोग मनाते हैं। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य देव की आराधना की जाती है ।हिंदू धर्म में सभी लोग इस पर्व को बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाते हैं इतना ही नहीं सभी लोग इस तिथि के काफी समय से इंतजार में रहते हैं।
माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति स्नान करता है साथ ही जरूरतमंद को दान करते हैं । उन सभी लोगों को भगवान सूर्य देव फल देते हैं।इसके अलावा जो व्यक्ति सूर्य देव की सच्चे मन से उपासना करते हैं उनके जीवन में कोई भी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती है साथ ही भगवान सूर्य की कृपा सदैव उस व्यक्ति पर रहती है।जो व्यक्ति इस तिथि को सच्चे मन से सभी प्रकार की प्रतिक्रियाओं को दिल से निभाते हैं उनसे सूर्य देव प्रसन्न हो जाते हैं और उनके जीवन में दुख या नकारात्मक जैसी शंक्तियां प्रवेश नहीं कर पाती हैं। भगवान सूर्य देव की पूजा करने से साथ ही उनके लिए व्रत करने से व्यक्तियों के जीवन में सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं और परिवार के लोगों के बीच खुशहाली और शांति का वास होता है।
आखिर क्या है कारण?
यह तिथि भगवान सूर्य देव को समर्पित है।इस तिथि को भगवान सूर्य देव के जन्म की तिथि भी माना जाता है।इसीलिए इस तिथि को भगवान सूर्य देव की जयंती के रूप में मनाया जाता है।हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन जो महिलाएं अचला सप्तमी का व्रत करती हैं। उनसे भगवान सूर्य देव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। जो महिलाएं इस दिन व्रत करती हैं उन्हें सौभाग्य और सौंदर्य की प्राप्ति होती हैं।
जानिए व्रत के नियम
• इस दिन नदी में स्नान करना काफी शुभ माना जाता है।
• स्नान करने के तुरंत बाद सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए।
• अर्घ्य देते समय भगवान सूर्य देव के मंत्रों का सच्चे मन से जाप करें।
• सभी व्यक्तियों को व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
• सूर्य भगवान की सभी लोगों को अष्टदली प्रतिमा बनानी चाहिए ।
• इसके अलावा आप सूर्य की तस्वीर के सामने भी पूजा कर सकते हैं।
• इस दिन भगवान सूर्य को लाल रंग की मिठाई का भोग लगाना न भूलें ।
• पूजा समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को दान जरूर करना चाहिए ।