भारत में पूजा-पाठ को काफी महत्व दिया जाता है, साथ ही प्रत्येक त्योहारों पर देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।ऐसे बहुत ही कम स्थान होंगे जहां पर पूजा-पाठ को महत्वपूर्ण नहीं माना जाता हों,बल्कि कई स्थानों पर देवी-देवताओं को पूजा जाता है।
भारत के प्रत्येक घर में देवी-देवताओं के लिए एक छोटा सा मंदिर भी स्थापित है। जिसके कारण वहां के लोग कभी भी किसी भी समय पूजा कर सकते हैं। सभी लोगों के मन में भगवान के प्रति आस्था होती है।वहीं दूसरी और भारत में ऐसे कई बड़े-बड़े मंदिर स्थित है जहां पर लोग भारी संख्या में बड़ी ही श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करने व भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं।
कई लोगों का मानना है कि बहुत से ऐसे मंदिर हैं जो की काफी वर्षो पुराने हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि यदि एक बार कोई व्यक्ति उन मंदिरों में कुछ मांगने चला जाएं तो उसकी इच्छा जरुर पूरी होती है। साथ ही उनके जीवन से अनेक प्रकार के कष्टों से भी निवारण मिल जाता है। कई लोग होते हैं जो काम करने के दौरान दूर स्थित मंदिरों में पूजा के लिए नहीं जा पाते हैं, तो ऐसे व्यक्ति अपने घर में लकड़ी का मंदिर बना लेते हैं जिसके कारण वह रोजाना पूजा कर लेते हैं।
ऐसे लोग पूजा करने के लिए मंदिर तो बना लेते हैं, लेकिन वह यह नहीं सोच पाते हैं कि मंदिर को किसी दिशा कि ओर रखना चाहिए। मंदिर रखने की दिशा वास्तु के अनुसार होती है। आइए जानते हैं कि मंदिर को किसी दिशा की ओर रखे?
जाने सही दिशा क्या है?
जिन व्यक्तियों को घर में पूजा करनी है, तो ऐसे व्यक्तियों वास्तु शास्त्र के अनुसार ही मंदिर की स्थापना करनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा के मंदिर को घर में रखने की सबसे अच्छी दिशा ईशान कोण या उत्त।र पूर्व दिशा काफी समय से मानी जा रही है।यदि आप इसी दिशा में मंदिर को रखते हैं तो इससे आपकी किस्मत चमकेगी।
देवी-देवताओं का मुख किस दिशा में होना चाहिए?
यह काफी समय से चला आ रहा हैं कि मंदिर में भगवानों का मुख पश्चिम दिशा की ओर साथ ही पूजा करने वाले का मुख पूर्ण की तरफ होना चाहिए। जो भी व्यक्ति मंदिर की स्थापना करना चाहते हैं। उन्हें इस बात का ध्यान रखना बेहद ही जरुरी है। भगवान का मुख इसी दिशा में होना काफी महत्वपूर्ण हैं।
दीपक किस दिशा में जलाएं?
जो लोग भगवान की भक्ति करते हैं उन्हें ये बात पाता होती है कि बिना दीपक जलाएं उस व्यक्ति की पूजा सफल नहीं होती है ऐसी पूजा-अर्चना अधूरी मानी जाती हैं। जब भी आप किसी भी भगवान की पूजा करे तो ध्यान रखे कि दीपक दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर ही जलना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिशा में दीपक रखने से व्यक्ति की पूजा संपूर्ण हो जाती है।
मंदिर को बाथरूम की दीवार से दूर रखना चाहिए
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मंदिर को गलत दिशा की ओर रख देते हैं यदि आप ने किसी भी कारण मंदिर बाथरूम की दीवार से छूता हैं तो यह बहुत ही अशुभ माना जाता है। इस प्रकार की स्थिति के कारण आपको अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए स्नानघर कभी भी पूजा के मंदिर के आस-पास नहीं होना चाहिए।
टूटी मूर्तियों को करें दूर
आप ने कई ऐसे लोगों को देखा होगा जो कि भगवान की मूर्तियां टूटने के बाद भी घर में रखी जाती हैं।ऐसी मूर्तियों को घर में रखना किसी अशुभ से कम नहीं माना जाता है।जो मूर्तियां किसी भी कारण से घर टूट जाती है तो उन्हें जल्द से जल्द नदियों में सिरा देना चाहिए । टूटी मूर्तियों को घर में रखना नुकसानदायक होता है। First Updated : Friday, 10 March 2023