Maa Chandraghanta pooja: नवरात्र के तीसरे दिन इस तरह से करें मां चंद्रघंटा की पूजा
आज नवरात्र का तीसरा दिन है यह दिन माता चंद्रघंटा को अर्पित होता है। साथ ही माता चंद्रघंटा को मां दुर्गा की तीसरी शक्ति कहा जाता है।तीसरे दिन इसी देवी की पूजा-आराधना की जाती है। देवी का यह स्वरूप लोगों के लिए परम शांतिदायक और कल्याणकारी माना जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखकर साधना करते समय अनेक प्रकार की बातों पर ध्यान देना चाहिए।
आज नवरात्र का तीसरा दिन है यह दिन माता चंद्रघंटा को अर्पित होता है। साथ ही माता चंद्रघंटा को मां दुर्गा की तीसरी शक्ति कहा जाता है।तीसरे दिन इसी देवी की पूजा-आराधना की जाती है। देवी का यह स्वरूप लोगों के लिए परम शांतिदायक और कल्याणकारी माना जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखकर साधना करते समय अनेक प्रकार की बातों पर ध्यान देना चाहिए।
कहा जाता है कि इहलोक और परलोक दोनों के लिए कल्याणकारी और सद्गति देने वाला माना जाता है। जो भी व्यक्ति मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करते हैं मां उनके जीवन में सुख-शक्ति बनाए रखती हैं। इस देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र बना होता है।यही कारण है कि मां को लोग चंद्रघंटा के नाम से पुकारते हैं।
क्या है महत्व?
नवरात्र के तीसरे दिन को इसी देवी की पूजा को काफी महत्व दिया जाता है।जिस व्यक्ति पर इनकी कृपा होती है। उनको साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं साथ ही दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और कई तरह की ध्वनियां सुनाईं देने लगती हैं।
मान्यता है कि इन क्षणों में साधक को बहुत सावधान रहना चाहिए।जो व्यक्ति सच्चे मन से इस देवी की आराधना करते हैं उन लोगों पर माता चंद्रघंटा की कृपा सदैव रहती है।साथ ही उनके जीवन में अनेक आने वाली परेशनियों से छुटकारा मिलता है।
पूजा करने की विधि
जिन लोगों वे नवरात्र के नौ दिनों का व्रत रखा है ऐसे व्यक्तियों को तीसरे दिन की पूजा करने के लिए सर्वप्रथम जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए। इसके साथ ही आप जिस स्थान पर पूजा करने वाले है उस स्थान पर गंगाजल छिड़क लें।फिर मां चंद्रघंटा की सच्चे मन से पूजा करें, माता के समक्ष दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।
पूजा के समय माता को अक्षत, सिंदूर पुष्प आदि चीजें अर्पित करें।साथ ही मां चंद्रघंटा की मन पसंद मिठाई का भोग लगाना चाहिए।यदि आप से किसी भी तरह की कोई भी गलती हो जाती है, तो मां के समक्ष क्षमा मांग लें।