Mangla Gauri Vrat 2023: जाने मंगला गौरी व्रत साल 2023 में कितने और कब पड़ेगें, व्रत तारीख और पूजा विधि
Mangla Gauri Vrat 2023: श्रावण मास में के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है। मंगला व्रत में माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। तो आइए जानते है इस साल होने वाले मंदला व्रत की दिन तारीख और पूजा मुहूर्त।
Mangla Gauri Vrat 2023: श्रावण मास में के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है। मंगला व्रत में माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। तो आइए जानते है इस साल होने वाले मंदला व्रत की दिन तारीख और पूजा मुहूर्त।
Mangla Gauri Vrat: भगवान शिव पूजा के लिए जैसे सावन का हर सोमवार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है वैसे ही माता पार्वती की भू पूजा अर्चना के लिए सावन का मंगलवार महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन माह में हर मंगलवार को मंगला गौरी की पूजा की जाती है, यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है। सावन के हर सोमवार जैसे भगवान शिव के अराधना के लिए महत्वपूर्ण माना गया है ठीक वैसे ही सावन का हर मंगलवार माता गौरी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।
मंगला वर्त महिलाएं अपने पति और संतान की लंबी आयूं के लिए रखती है। अगर पति पत्नि एक साथ मंगला व्रत को रखकर माता गौरी की पूजा करें तो वैवाहिक जीवन में हमेशा प्रेम और सुख-शांती बनी रहती है। आपको बता दें कि मंगला व्रत की शुरूआत जुलाई महिने में 4 तारीख से शुरू होगी और समाप्ती 31 अगस्त को हो जाएगी। तो आइए जानते है देवी पार्वती की पूजा के लिए शूभ मुहर्त कब है। और मंगला व्रत कब-कब मनाई जाएगी।
हिंदू धर्म में सावन का महिना पूजा पाठ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। सावन माह भगवान शिव को समर्पित है, लकिन क्या आपको पता है सावन में माता गोरी की अराधना करने का विधान है। सावन में प्रत्येक मंगलवार को मां गोरी का प्रसन्न करने के लिए महिलाएं मंगला व्रत रखती है। इस व्रत को करके महिलाएं माता पार्वती से सौभाग्य का वर मांगती है। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत खास है।
2023 में अधिक मास पड़ने से सावन 2 महिने यानी 60 दिनों का होगा। इस दौरान मंगला व्रत भी आएंगे।
मंगला गौरी व्रत करने की विधि
सावन मास में हर मंगलवार को सुबह यानी ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें उसके बाद स्वच्छ लाल,गुलाबी,नारंगी,पीले या फिर हरे रंग के सुंदर वस्त्र जैसे सारी पहन लें उसके बाद पूर्वोत्तर दिशा में एक चौकी लगाए और उस चोकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता पार्वती की मुर्ती या प्रतिमा स्थापित कर लें। माता गौरी को विराजमान को चौकी पर विराजमान करके माता का मंत्र का जाप करते हुए सोलह श्रृंगार के साथ-साथ सूखे मेवे,नारियल,लौंग,सुपारी,इलायची और मिठाई आदि चढ़ाएं उसके बाद माता गौरी की मंगला वर्त की कथा पढें फिर बाद में कपूर से माता की आरती गाए।
धर्म शास्त्र में लिखा गया है कि जो भी विवाहित महिलाए इस वर्त पूजा के निष्ठा भाव से हर मंगलवार को करती है उसके पति और बच्चें की आयू लंबी होती है। सावन में आने वाले मंगला गौरी व्रत शास्त्रों की माने तो माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कई व्रत रखें थे जिसमें से एक मंगला वर्त भी है इस व्रत को करने से महिलाएं को सौभाग्य की प्राप्ती होती है।
2023 में 4 मंगला गोरी व्रत है
2023 में पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई को है।
2023 दूसरा मंगला गौरी व्रत 11 जुलाई को है।
तीसरा मंगला गौरी व्रत - 22 अगस्त
और 2023 में चौथा मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त को पड़ रहा है।
अधिक मास में पड़ने वाले मंगला गोरी व्रत 2023 में सावन मास में अधिक मास पड़ रहा है जिसके कारण इस बार 60 दिनों तक सावन मास रहेगा।अधिक मास में 5 मंगला गौरी व्रत होगें तो आइए जानते है मंगला गौरी व्रत की तारिख- पहला व्रत-18 जुलाई दूसरा व्रत- 25 जुलाई तीसरा व्रत- 1 अगस्त चौथा व्रत-8 अगस्त पांचवा व्रत- 15 अगस्त को मनाया जाएगा।