Merry Christmas: प्रभु यीशु के जन्म पर चार सौ साल पुराने चर्च में हुई प्रार्थना
विशेष प्रार्थनाओं के बीच ईसाई धर्म प्रवर्तक यीशु का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। चर्च से लेकर घरों तक ‘मेरी क्रिसमस’ की गूंज रही। क्रिश्चियन समुदाय ने विशेष आयोजन किए। केक काटा और मिठाइयां बांटने के बाद कैंडल जलाकर दुआएं मांगीं।
विशेष प्रार्थनाओं के बीच ईसाई धर्म प्रवर्तक यीशु का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। चर्च से लेकर घरों तक ‘मेरी क्रिसमस’ की गूंज रही। क्रिश्चियन समुदाय ने विशेष आयोजन किए। केक काटा और मिठाइयां बांटने के बाद कैंडल जलाकर दुआएं मांगीं।
प्रभु यीशु ने रात 12 बजे लिया जन्म -
प्रभु यीशु का जन्म रात 12 बजे हुआ। वैसे ही खुशियां मनाना शुरू कर दिया गया। साथ ही केरोल भी गाए गए।
विशेष प्रार्थना भी हुई -
रात 12 बजे प्रभु यीशु का जन्म विशेष प्रार्थना सभा हुई और प्रभु यीशु की जन्म की परंपरागत रूप से खुशियां मनाईं गईं।
एक दूसरे को दी क्रिसमस की बधाई -
चर्चों में रात उत्सव जैसा माहौल था और एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी। जन्म पर मिस्सा बलिदान अर्पित किया गया।
गौशाला में हुआ यीशु का जन्म -
फालका बाजार में कार्मल कांवेंट स्कूल के परिसर में स्थिति चर्च में रात 11 बजे प्रभु यीशु के कार्यक्रम की शुरुआत हुई। प्रभु का जन्म गौशाला में हुआ।
फॉदर ने प्रभु यीशु के चरण धोए -
डॉ जोसफ थायकाट्टिल फॉदर जोसफ चिप्सन और फॉदर डेविड ने प्रभु यीशु के जन्म पर उनके चरण धोए और प्रार्थना की।
रविवार को हुए प्रभु के दर्शन -
मान्यता है कि प्रभु यीशु का जन्म गौशाला में हुआ था। इसलिए चर्चों में प्रतीकात्मक गौशाला का निर्माण किया गया है। जहां प्रभु यीशु के दर्शन हुए।
चर्च से घरों तक प्रार्थना -
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सजे चर्च रविवार को प्रार्थनाओं से गूंज उठे। अनुुुयायियों ने मोमबत्तियां जलाईं और यीशु पर आधारित गीत गाए।
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